गुरुग्राम के साइबर अपराध शाखा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सात ठगों को गिरफ्तार किया है, जो लोन लेने वालों का डेटा चोरी कर उन्हें कम ब्याज दर पर लोन दिलाने और पुराना लोन बंद कराने का झांसा देकर ठगी कर रहे थे. पुलिस ने इनके कब्जे से 70 हजार रुपये नकद और पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल ये फर्जी दस्तावेज बनाने और कॉल करने में करते थे.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बिहार के मोहम्मद मुजफ्फर अली, मोहम्मद कासिफ और मोहम्मद इरफान, पश्चिम बंगाल के आमिर हुसैन, दिल्ली के अंकित और सुमित ढीका तथा उत्तर प्रदेश के सुमित कुमार के रूप में हुई है. पुलिस जांच में सामने आया कि इरफान, सुमित ढीका और सुमित कुमार पहले एक लोन कंपनी में कार्यरत थे और वहीं से इन्होंने लोन लेने वालों का डेटा चुराया था.
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पुलिस के मुताबिक, आरोपी चोरी किए गए डेटा के आधार पर लोन धारकों को कॉल करते थे और उन्हें उनकी पूरी लोन जानकारी देकर यह भरोसा दिलाते थे कि वे असली कंपनी के प्रतिनिधि हैं. इसके बाद वे उन्हें समझाते कि उनके मौजूदा लोन पर ब्याज दर बहुत ज्यादा है और वे सस्ती दर पर नया लोन दिलवा सकते हैं.
आरोपी पीड़ितों से कहते कि पुराना लोन बंद करने के लिए उन्हें मूल राशि फिर से एक यूपीआई आईडी या क्यूआर कोड पर जमा करनी होगी. इसके बाद वे नकली लोन क्लोजिंग डॉक्यूमेंट तैयार कर पीड़ितों को भेज देते और रकम हड़प लेते.
मामले में पुलिस ने कही ये बात
एसीपी (साइबर) प्रियांशु देवान ने बताया कि सभी आरोपियों से पूछताछ में यह सामने आया है कि वे लंबे समय से इस तरह की ठगी कर रहे थे. सोमवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद सभी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वहीं, साइबर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी कॉल या ऑफर पर भरोसा करने से पहले कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन से जानकारी जरूर लें और किसी अनजान यूपीआई आईडी या क्यूआर कोड पर पैसे न भेजें.