गुरुग्राम पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली एयरपोर्ट से 24 वर्षीय महिला खुशबू को गिरफ्तार किया है. खुशबू मूल रूप से गुजरात के सूरत की रहने वाली है और केवल 12वीं तक पढ़ी है. वह कंबोडिया की राजधानी फ्नॉम पेन्ह में स्थित एक कॉल सेंटर में काम करती थी, जो चीनी नागरिकों द्वारा संचालित होता है और दुनिया भर के युवाओं से साइबर ठगी कराता है.
दरअसल, खुशबू रविवार को भारत लौटी थी, जहां गुरुग्राम साइबर पुलिस ने उसे दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से साइबर अपराध में इस्तेमाल दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक, खुशबू ने पूछताछ में बताया कि वह 'डिजिटल अरेस्ट' जैसे साइबर ठगी के पहले चरण में काम करती थी.
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इस प्रक्रिया में पहले लोगों को डराया जाता है कि उनके आधार कार्ड से साइबर क्राइम हुआ है. फिर फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' किया जाता है और अंत में इनकम टैक्स या कस्टम अधिकारी बनकर उनसे बड़ी रकम वसूली जाती है. गुरुग्राम निवासी एक व्यक्ति से इसी तरीके से लाखों रुपये की ठगी की गई थी, जिसमें 39 लाख रुपये एक खाते में ट्रांसफर किए गए. यह खाता सुरेंद्र नाम के व्यक्ति ने मितेश को 5 लाख में बेचा था और मितेश ने वही खाता खुशबू को बेचा.
एसीपी (साइबर) प्रियांशु दीवान ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और आरोपियों से पूछताछ के साथ मोबाइल डेटा की जांच की जा रही है. पुलिस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के अन्य लिंक की भी पड़ताल कर रही है.