हरियाणा के गुरुग्राम की साइबर सिटी में रहने वाले एक परिवार पर दुखों का उस समय मानो पहाड़ टूट पड़ा, जब उन्हें अपने इस मासूम बेटे की बीमारी के बारे में पता लगा. एक साल के मासूम को SMA (Spinal Muscular Atrophy) नाम की खतरनाक बीमारी है, जिसका इलाज बेहद महंगा है. भारत में इसका इलाज नहीं है, बल्कि अमेरिका से इसका इंजेक्शन मंगवाया जाता है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है.
साइबर सिटी सेक्टर सात में रहने वाला ये परिवार एक साल के मासूम अयांश को बचाने के लिए मदद की गुहार लगा रहा है. कुछ सामाजिक संस्था मदद के लिए आगे आईं हैं, पर ये ऊंट के मूंह में जीरे के समान हैं. बच्चे के माता-पिता इस उम्मीद में दर-दर की ठोकरें खा रहा हैं कि कहीं से कोई मदद तो जरूर मिलेगी. सरकार के आलाधिकारियों से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखकर अपने बच्चे को बचाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कहीं से कोई अश्वासन भी नहीं मिला है. अगर ये परिवार अपना घर और जमीन सब बेच दे तब भी इतनी बड़ी रकम नहीं जुटा सकता है.
वहीं डॉक्टरों की मानें तो यह बीमारी माता-पिता के जीन से संबंधित है. डॉक्टर का कहना है कि अब तक देश में करीब 150 बच्चों में यह बीमारी आ चुकी है और वे उपचार के बाद स्वस्थ भी हुए हैं. यह एक तरह से जेनेटिक बीमारी है, जो माता-पिता के जीन में गड़बड़ी होने के कारण यह बीमारी बच्चों में पनपती है. इस बीमारी को एसएमए (स्पाइनल मसक्यूलर एट्रॉफी) के नाम से जाना जाता है.
यह नसों की बीमारी होती है. इसकी तीन श्रेणी टाइप-1, 2 व 3 होती हैं. टाइप 1 बीमारी सबसे घातक और जानलेवा होती है. एक साल से कम उम्र के बच्चों में यह बीमारी होती है. टाइप-2 बीमारी होने पर बच्चे जीवित तो रहते हैं, लेकिन काम आदि नहीं कर पाते, वहीं टाइप-3 की बीमारी में बच्चों में थोड़ी शारीरिक कमजोरी होती है, लेकिन वे अच्छा जीवन जीते हैं.