हरियाणा में बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के साथ ही पार्टी के नेताओं ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. अपने कामकाज और तबादलों को लेकर लगातार चर्चा में रहे IAS अफसर अशोक खेमका को लेकर पार्टी नेताओं और सरकार के बीच तकरार होती दिख रही है.
बीजेपी सांसद अश्विनी चोपड़ा ने शनिवार को अपनी पार्टी की अगुवाई वाली हरियाणा सरकार से सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन पर जोर दे रहे हैं तो आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को दरकिनार क्यों किया जा रहा है?
उन्होंने कहा ‘मेरा विचार था कि खेमका जैसे ईमानदार अधिकारी को महत्वपूर्ण विभाग दिया जाएगा जहां वह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के और घोटालों को उजागर कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पूरा मामला ठंडे बस्ते में जा रहा है.’
'...खेमका के साथ क्या हुआ'
पत्रकारिता से राजनीति में आए चोपड़ा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की साफ-सुथरी छवि है लेकिन उनकी ईमानदारी और भ्रष्टाचार से हर स्तर पर लड़ने की उनकी प्रतिबद्धता की वजह से कुछ नौकरशाह असहज महसूस करते हैं.
खेमका के बारे में करनाल के सांसद ने कहा ‘मैं सीधे तरीके से बात करता हूं...अच्छे नौकरशाहों को अच्छे पदों पर लाना चाहिए. खेमका के साथ क्या हुआ, उन्हें परिवहन विभाग से हटा कर पुरातत्व विभाग में डाल दिया गया.’
- इनपुट भाषा