जाट आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 11 मई को दिल्ली में अलग अलग राज्यों के जाट खाप पंचायत के करीब 285 नेता आंदोलन करेंगे. हरियाणा के जिंद में खाप महापंचायत के दौरान यह फैसला हुआ. केंद्र में मौजूद भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी इस आंदोलन के निशाने पर होगी.
महापंचायत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, नई दिल्ली और गुजरात के साथ साथ बाकी राज्यों से भी खाप नेता शामिल हुए. जाट नेता नेफे सिंह नैन की अध्यक्षता में यह पंचायत करीब पांच घंटे चली जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की गई.
ऑल इंडिया जाट महासभा के उपाध्यक्ष युद्धवीर शेरावत ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को डिविजन बेंच के सामने चुनौती देंगे. अगर हम केस हार गए तो सभी जाट सड़क पर आंदोलन करेंगे.'
हर काम के लिए बनी अलग टीम
सरकार को चौतरफा घेरने और अपनी मांग मनवाने के लिए फैसला किया गया कि अलग अलग काम के लिए अलग अलग टीमें बनाई जाएंगी. इनमें से एक टीम कोर्ट कचहरी का
कामकाज देखेगी. दूसरी टीम का काम यह सुनिश्चित करना होगा कि संसद में भी इस मुद्दे को उठाया जाए. तीसरी टीम मांग को सड़क पर लेकर उतरेगी.
जंतर मंतर के बाद जाट आंदोलन रामलीला मैदान की ओर रुख करेगा. उम्मीद जताई जा रही है कि इस विरोध प्रदर्शन में लाखों लोग शामिल हो सकते हैं.