गुजरात दंगों में मारे गए एहसान जाफरी की 76 वर्षीय पत्नी जाकिया जाफरी ने
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ
एक बार फिर लड़ाई शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि शायद मोदी के खिलाफ यह
उनकी आखिरी कोशिश है. जाकिया मोदी को गुजरात दंगों का दोषी मानती हैं.
गुजरात में 2002 में हुए दंगों में अपनी भूमिका से मोदी हमेशा इनकार करते रहे हैं. 2013 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एक पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मोदी पर केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. मोदी पर लगे आरोपों की जांच के लिए यह तीसरा पैनल गठित किया था, जिसका निष्कर्ष भी बाकी दो पैनलों की तरह ही था.
12 साल में मोदी की छवि में हुआ बदलाव
गुजरात दंगों से लेकर अब तक पीएम मोदी ने कट्टर हिंदू की अपनी छवि में काफी बदलाव किया है. उन्होंने इससे अलग हटकर एक प्रगतिशील और आर्थिक सुधारक के तौर पर अपनी छवि बनाने में कामयाबी हासिल की है. 2014 लोकसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज कर मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छवि में बदलाव किया.
सुप्रीम कोर्ट जा सकता है मामला
जाकिया की याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया इसी माह शुरू हो चुकी है.याचिका में मोदी को मुख्य दोषी बताया गया है. जाकिया के वकीलों का कहना है कि अदालती कार्यवाही में कई महीनों का समय लगेगा. उन्होंने यह संभावना भी जताई कि मामला सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है. इसके पहले जाकिया ने कई बार कोर्ट में याचिका दी है, लेकिन हर बार मोदी को क्लीन चिट दे दी गई. 2 साल पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में नरेंद्र मोदी के खिलाफ याचिका दी लेकिन वहां भी उनके पक्ष में फैसला नहीं आया.