Vijay Rupani funeral in Rajkot: गुजरात के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय रूपाणी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार राजकोट में पूरा हो गया है. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत प्रदेश बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे.
उनका पार्थिव शरीर राजकोट पहुंचने पर हजारों लोगों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. छह किलोमीटर लंबे यात्रा में हजारों की संख्या में लोग और बीजेपी के नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए. अंतिम यात्रा से पहले विजय रूपाणी की पत्नी अंजलि रूपाणी ने पुष्पांजलि देकर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान वह भावुक हो गईं और बेटे से लिपट कर रो पड़ीं.

पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग सड़कों पर एकत्रित हुए और पुष्पांजलि देकर अपने नेता को अंतिम विदाई दी.
पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत प्रदेश बीजेपी के सभी बड़े नेता मौजूद थे.
एअर इंडिया विमान हादसे में गई थी विजय रूपाणी की जान
विजय रूपाणी की जान 12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे के दौरान गई. वह अपने परिवार से मिलने के लिए विमान में लंदन जा रहे थे. इस दौरान विमान हादसे का शिकार हो गया और उनकी मौत हो गई.
एअर इंडिया के बोइंग 787 विमान में उनकी सीट संख्या 2D थी.
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एअर इंडिया विमान हादसे में अब तक 270 लोगों की जान जा चुकी है. विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर्स और दो पायलट थे. विमान में सवार एक यात्री को छोड़कर सभी लोगों की मौत हो गई है.
विजय रूपाणी का सफर
विजय रूपाणी का म्यांमार (बर्मा) के रंगून में 1956 में जन्म हुआ था. 1960 के दशक में वह भारत में रहने लगे. उन्होंने राजकोट के सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से बीए और एलएलबी की पढ़ाई की. विद्यार्थी जीवन में उन्होंने ABVP ज्वाइन किया था. बाद में वह RSS से भी जुड़े. 1980 के दशक में उन्होंने जनसंघ और फिर बाद में बीजेपी की ओर से सक्रिय राजनीति की.
पहली बार 1987 में राजकोट नगर निगम के पार्षद चुने गए. 1996-97 में राजकोट नगर निगम के मेयर बने. 2006 से 2012 तक गुजरात से राज्यसभा सांसद रहे. 2014 में राजकोट पश्चिम सीट से उपचुनाव जीतकर विधायक बने थे. 2016 में आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे देने के बाद वह पहली बार मुख्यमंत्री बने. बीजेपी ने उनको मुख्यमंत्री बनाया था. 2017 में विधानसभा चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने. उन्होंने 2021 में अचानक ही इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था.