गुजरात सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया है. विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दीदार करने पहुंचने वाले लोग अब नर्मदा नदी में रिवर राफ्टिंग का भी लुत्फ उठा सकेंगे. शनिवार को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने नर्मदा नदी में रिवर राफ्टिंग की शुरुआत की.
रिवर राफ्टिंग पर्वतीय क्षेत्रों के लिए ही है, इस धारणा को तोड़ते हुए राफ्टिंग की शुरुआत करने के बाद मुख्यमंत्री रुपाणी ने उम्मीद जताई कि लोग इस बार दिवाली की छुट्टियां मनाने यहां बड़ी संख्या में आएंगे और राफ्टिंग का लुत्फ उठाएंगे. उन्होंने कहा कि यह स्थान लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहेगा.

रिवर राफ्टिंग की शुरुआत नर्मदा नदी के किनारे बसे खलवानी गांव से हुई. राफ्टिंग के लिए पांच किलोमीटर का एरिया निर्धारित किया गया है. गोडबोले गेट से सूर्यकुंड तक के प्राकृतिक सौंदर्य के अद्भुत नजारे के बीच सैलानी राफ्टिंग की राइड का लुत्फ उठा पाएंगे.
गौरतलब है कि सरदार सरोवर बांध पर पहली बार नर्मदा का जल स्तर 132 मीटर रिकार्ड किया गया है. इस नदी में पूरे साल पानी रहता है. जिस स्थान पर राफ्टिंग की शुरुआत की गई है, उस स्थान पर हमेशा 600 क्युसेक पानी की उपलब्धता रहती है. इसकी वजह से लोग रेपिड और एक्साइटिंग रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा पाएंगे.
प्रकृति का नजारा है मनोरम
नदी के आसपास का इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है. नदी की कल-कल बहती धारा और सुंदर घने हरे जंगल मिलकर सुरम्य वातावरण का निर्माण करते हैं. इससे सैलानियों के और अधिक आकर्षित होने की उम्मीद है.
ली गई है उत्तराखंड के एक्सपर्ट की राय
राफ्टिंग की इस योजना को उत्तराखंड के एक्सपर्ट की राय लेकर मूर्त रूप दिया गया है. पर्वतीय राज्य उत्तराखंड को राफ्टिंग के लिए भी मुफीद माना जाता है. प्रदेश के कई स्थलों पर राफ्टिंग होती है.