डॉ मनसुख लक्ष्मणभाई मंडाविया (Mansukh Mandaviya) गुजरात के पोरबंदर संसदीय क्षेत्र से जीतकर इस बार संसद पहुंचे हैं. पिछली सरकार में भी वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्री के रूप में कार्यरत थे. इससे पहले वह गुजरात से राज्यसभा सदस्य थे और पहली बार 2016 में राज्यमंत्री बनें थे. उनका बैकग्राउंड अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कर रहा है. यानी वह छात्र जीवन से ही बीजेपी के स्टूडेंट विंग से जुड़े हैं.
मनसुख मंडाविया की शादी नीताबेन मंडाविया से हुई है और उनके दो बच्चे पवन और दिशा हैं. मनसुख मंडाविया का जन्म 1 जून 1972 (Mandaviya Date of Birth) को गुजरात के भावनगर जिले के हनोल गांव में हुआ था. वह एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्मे मनसुख चार भाइयों में सबसे छोटे हैं. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा सरकारी प्राथमिक स्कूल, हनोल से और हाई स्कूल की पढ़ाई सोनगढ़ गुरुकुल से पूरी की.
एचएससी पूरा करने के बाद मनसुख मंडाविया ने पशु चिकित्सा लाइव स्टॉक इंस्पेक्टर में सर्टिफिकेट कोर्स किया और सोनगढ़ गुरुकुल और गुजरात कृषि विश्वविद्यालय, गुजरात में शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने भावनगर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए किया. 2021 में उन्होने ने गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च से राजनीति विज्ञान में पीएचडी प्राप्त की.
सबसे कम उम्र के एमएलए बनने का रिकॉर्ड
मनसुख अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य और एबीवीपी गुजरात इकाई के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य रहे हैं. मंडाविया 2002 में गुजरात में विधान सभा के सबसे कम उम्र के सदस्य बने. 2010 में, वे गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष बने. 38 साल की छोटी उम्र में, मनसुख मंडाविया गुजरात से राज्यसभा सांसद के रूप में चुने गए.
पहली बार 2016 में बना राज्य मंत्री
5 जुलाई 2016 को मनसुख मंडाविया ने भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. उन्हें मार्च 2018 में राज्यसभा में सांसद के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया. मई 2019 में, मनसुख मंडाविया रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के साथ बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने. मंडाविया ने जनवरी 2020 में स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच में भारत का प्रतिनिधित्व किया.