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गुजरात के कच्छ में ब्लैकआउट, घरों में रहें लोग... भारत-पाक सैन्य संघर्ष के बीच जारी की गई एडवाइजरी

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के चलते गुजरात के कच्छ जिले में प्रशासन ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है। शुक्रवार रात पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले की कोशिश के बाद कच्छ, बनासकांठा और पाटन जिलों के सीमावर्ती इलाकों में ब्लैकआउट लागू कर दिया गया.

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गुजरात के कच्छ जिले में ब्लैकआउट के दौरान सड़क पर जाता वाहन. (Photo: PTI)
गुजरात के कच्छ जिले में ब्लैकआउट के दौरान सड़क पर जाता वाहन. (Photo: PTI)

भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच गुजरात के कच्छ जिले के प्रशासन ने आज शनिवार को एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें नागरिकों से कहा गया है कि वे घरों में सुरक्षित रहें और अफवाहों से बचें. ये एडवाइजरी शुक्रवार रात पाकिस्तानी ड्रोन हमलों की कोशिश नाकाम किए जाने और तीन जिलों में ब्लैकआउट लागू होने के बाद जारी की गई.

एजेंसी के अनुसार, कच्छ के कलेक्टर ने 'X' (पूर्व ट्विटर) पर सुबह एक पोस्ट में लिखा- सभी नागरिक घरों में सुरक्षित रहें. बिना वजह बाहर न निकलें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें. घबराएं नहीं.' वहीं सेना के अफसरों ने कहा कि शुक्रवार रात 26 जगहों पर भारत-पाक सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) के पास पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए, जिनमें से एक प्रमुख स्थान जिला मुख्यालय भुज भी था. 

कच्छ जिले के साथ-साथ बनासकांठा और पाटन के कुछ सीमावर्ती इलाकों में शुक्रवार रात से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है. पाटन के संतलपुर तालुका से सटे गांवों में भी ब्लैकआउट कर दिया गया है, ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि आसानी से ट्रैक की जा सके.

यह भी पढ़ें: Indo-PAK War Tension: आईएमफ ने पाकिस्तान को दी मदद, तो फूट पड़ा ग्लोबल गुस्सा... लोग बोले- 'खून से रंगे हैं IMF के हाथ'

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गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को गांधीनगर में सेना और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक का उद्देश्य विभिन्न सरकारी विभागों और सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था. गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि बैठक में पुलिस, जिलाधिकारियों, सेना, नौसेना, वायुसेना, बीएसएफ और कोस्ट गार्ड के अधिकारी शामिल हुए.

बता दें कि बीते 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल स्ट्राइक की थी. इसमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे शामिल थे. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें सेना के अधिकारी और आम नागरिक मारे गए थे.

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