scorecardresearch
 

चाबुक जैसी बारिश की बूंदें, तेज हवा से उखड़ते पैर... बिपरजॉय के तांडव की आंखों देखी

गुजरात के तटों पर तूफान बिपरजॉय का लैंडफॉल हो गया. महातूफान से बड़े-बड़े स्ट्रक्चर्स को भारी नुकसान की आशंका को देखते हुए लोगों को ऐहतियात के तौर पर घर से दूर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया, रातभर उन्हें हर पल इस बात का डर सताता रहा कि जब वह लौटकर अपने घर पहुंचेंगे तो उन्हें आशियाने के नाम पर न जाने क्या मिलेगा?

Advertisement
X
बिपरजॉय से बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर्स को भारी नुकसान होने की आशंका है
बिपरजॉय से बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर्स को भारी नुकसान होने की आशंका है

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण कच्छ में 115 से 125 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं. गुजरात के कई हिस्सों में बारिश हो रही है. आलम ये है कि बारिश की बूंदें चाबुक सी चुभ रही हैं. बिपरजॉय गुजरात में तांडव मचा रहा है. हवाओं की स्पीड इतनी ज्यादा है कि जमीन पर पैर जमा पाना मुश्किल हो रहा है. समुद्री तट वाले इलाकों जैसे जखाऊ, कोटेश्वर, नारायण सरोवर वाले क्षेत्रों को खाली करा दिया गया है. जब बिपरजॉय ने जखाऊ में लैंडफॉल किया था तब मांडवी में महातूफान की गति 125 से 135 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दर्ज की गई थी.

जीरो विजिबिलिटी और तेज हवाएं बढ़ा रही टेंशन

साइक्लोन के वक्त जब तेज हवाएं गुजरात के तट से टकराईं तो विजिबिलिटी जीरो हो गई थी. इसके चलते कई पेड़ गिर गए और होर्डिंग्स उखड़ गए. सड़क पर चलने वाले राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. क्योंकि जीरो विजिबिलिटी की वजह से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. बिपरजॉय की वजह से कई शहरों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है. 

बस स्टैंड के शेल्टर में लोगों ने ली पनाह

भयंकर तूफान और रात का अंधेरा मुश्किलें बढ़ा रहा है. आलम ये है कि लोगों ने बस स्टैंड के शेल्टर में पनाह ली है, हालांकि ज्यादातक लोग सुरक्षित इलाके में चले गए हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग या कर्मचारी हैं जो बस स्टैंड पर ही ठहरे हुए हैं. तूफान का लैंडफॉल देर रात हो चुका है. इससे पहले ही सुबह से हवाएं रुक-रुककर चल रही थीं, लेकिन शाम साढ़े 6 बजे के बाद हवाएं लगातार चल रही हैं.  

Advertisement

लोगों को सता रहा आशियाने का डर

गुजरात प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को शिफ्ट कर दिया है. ये लोग अपने आशियाने से दूर हैं. इन लोगों को डर है कि जब वह सुबह सोकर जागेंगे तो मंजर कैसा होगा. जब वह अगले 24 घंटे के बाद अपने घर पहुंचेंगे तो वहां उन्हें आशियाने के नाम पर क्या मिलेगा. लोग प्रार्थना कर रहे हैं कि ये मंजर किसी तरह शांति से गुजर जाए, ज्यादा तबाही न हो. 

भूस्खलन के बाद जलमग्न हो सकते हैं कई इलाके

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक लैंडफॉल आधी रात तक खत्म हो जाएगा. वहीं, अधिकारियों के मुताबिक राहत और बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 15 टीमें, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की 12 टीमों के साथ भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, भारतीय तटरक्षक बल और सीमा सुरक्षा बल के कर्मियों को तैनात किया गया है. IMD ने कहा कि चक्रवात के बाद भयंकर बारिश होगी. साथ ही दो से तीन मीटर तक लहरें उठ सकती हैं. इसके चलते कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी जिलों में निचले इलाके भूस्खलन के बाद जलमग्न हो सकते हैं.

IAF की क्विक रिएक्शन टीम स्टैंडबाय मोड पर

Advertisement

वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने तूफान की स्थिति का जायजा लेने के लिए मीटिंग्स की. वहीं,  IAF की क्विक रिएक्शन टीम, मेडिकल असिस्टेंस टीम और गरुड़ कमांडो भी स्टैंडबाय पर हैं.भारतीय वायुसेना के दक्षिण पश्चिमी वायु कमान ने कहा कि वह गुजरात सरकार और गुजरात के नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है.

 

Advertisement
Advertisement