गुजरात सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि कांग्रेस को गुजरात से 'एलर्जी' है और पिछली यूपीए सरकार का गुजरात के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया था, जिससे उसकी विकास संभावना बाधित हुई और वह उतना बेहतर नहीं कर पाया.
गुजरात के वित्त मंत्री सौरभ पटेल ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के शासनकाल में राज्य के बड़ी संख्या में कार्यक्रमों और प्रस्तावों को मंजूरी नहीं दी गई और तीन महीने पहले नरेंद्र मोदी सरकार के बनने के बाद से स्थिति बदलनी शुरू हो गई है.
उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि पर्यावरण मुद्दों पर हमें केंद्र से दशकों से मंजूरी नहीं मिल रही थी. हर चीज को देखिए, राजस्व, तेल रॉयल्टी. क्या हुआ. उन्होंने 10 हजार करोड़ रुपये हमें नहीं दिए.’ पटेल मोदी की अगुवाई वाली राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि राज्य को तेल रॉयल्टी उस दर पर मिल रही थी जिसका फॉर्मूला अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने तैयार किया था जिससे राज्य को बड़ा राजस्व मिला था.
उन्होंने पिछली यूपीए सरकार की ओर से फैसला बदल दिए जाने का संकेत देते हुए कहा, ‘आप कैबिनेट नोट, कैबिनेट निर्णय को एक प्रशासनिक आदेश से कैसे बदल सकते हैं और इस प्रशासनिक आदेश से गुजरात की सरकार को 10 हजार करोड़ रुपये की कीमत चुकानी पड़ी. हमारी कौन सुन रहा था. हमारी कोई नहीं सुन रहा था.'