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UPA के नेताओं ने घोटाले की रिपोर्ट से कई नाम हटाने के लिए डाला था दबावः विनोद राय

यूपीए सरकार के बारे में पूर्व नौकरशाहों के खुलासे के बाद अब पूर्व कैग अध्यक्ष विनोद राय ने ऐसा खुलासा किया है, जिससे कांग्रेस नेतृत्व की फजीहत हो सकती है.

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पूर्व सीएजी विनोद राय
पूर्व सीएजी विनोद राय

यूपीए सरकार के बारे में पूर्व नौकरशाहों के खुलासे के बाद अब पूर्व सीएजी विनोद राय ने ऐसा खुलासा किया है, जिससे कांग्रेस नेतृत्व की फजीहत हो सकती है. विनोद राय का कहना है कि यूपीए के नेताओं ने कोलगेट और कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले की रिपोर्ट से कई नामों को हटाने के लिए दबाव डाला था.

अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी खबर के मुताबिक पूर्व कैग अध्यक्ष ने कहा, 'नेता लोग मेरे घर आए और सीडब्ल्यूजी और कोयला आवंटन मामले में कुछ लोगों का जिक्र ना करने और उन्हें बचाने की बात कही. 15 सितंबर को रिलीज होने जा रही राय की किताब 'नॉट जस्ट एन अकाउंटेंट' में विस्तार से पता चलेगा कि किस तरह उस वक्त के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के फैसलों से देश को बड़ा नुकसान हुआ.

पूर्व सीएजी अध्यक्ष ने कहा, 'देखिए, प्रधानमंत्री की भूमिका काफी महत्वूर्ण होती है और हर बड़े कदम में आखिरी फैसला उनका होता है. मनमोहन सिंह ने कुछ मामलों में यह फैसला किया और कुछ में नहीं.' उन्होंने कहा, 'मैं आपको अभी बता नहीं सकता कि कैसे किताब में मैंने इन चीजों का लेखा-जोखा पेश किया है, लेकिन यह साफ है कि जिन लोगों को सही वक्त पर सही फैसले लेने थे, उन्होंने ऐसा नहीं किया.'

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राय का कहना है कि उन्होंने अपनी किताब में और भी बहुत कुछ लिखा है. राय की यह किताब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल को लेकर है. पूर्व कोयला सचिव पीसी. पारख, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू और नेहरू-गांधी परिवार के करीबी रहे नटवर सिंह की किताबें भी कुछ ऐसे ही खुलासे कर चुकी हैं.

हालांकि विनोद राय ने उन लोगों का नाम बताने से इनकार कर दिया, जिन्होंने उन पर लोगों के नाम हटाने के लिए दबाव डाला था. लेकिन उन्होंने कहा कि अपनी किताब में उन्होंने विस्तार से लिखा है कि किन हालात में कैसे-कैसे उन पर दबाव डाला गया और क्या-क्या कहा गया.

पूर्व आईएएस रहे विनोद राय ने बताया कि इस काम के लिए मेरे सहयोगी ब्यूरोक्रैट्स को भी मेरे पास भेजा गया. राय ने बताया कि उन्होंने सबसे ज्यादा प्रेशर तब महसूस किया, जब संसद की पब्लिक अकाउंट कमिटी की बैठकें चल रही थी.

राय की किताब में 15 चैप्टर होंगे, जिसमें उनकी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए के अहम पदाधिकारियों से हुई बातों का भी जिक्र होगा.

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