मशहूर एक्टर परेश रावल को बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए प्रचार करने की कीमत इस तरह चुकानी पड़ी. गुरुवार रात यहां ठोकराभाई देसाई हॉल में उनके नाटक 'डियर फादर' का मंचन हो रहा था, इसी दौरान यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ता वहां घुस आए और हंगामा किया.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पुलिस ने मौके से 15 युवकों को हिरासत में लिया. शो के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. बताया जाता है कि कांग्रेस कार्यकर्ता नाटक की स्क्रिप्ट के राजनीतिक संदर्भ को लेकर नाराज थे.
पुलिस के मुताबिक, आयोजकों ने थियेटर में यूथ ग्रुप के कुछ लोगों को देखा तो पुलिस को इत्तला दे दी. मौके पर पुलिस भेज दी गई. मुसीबत भांप कर कांग्रेस कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद उऩ्हें हिरासत में लेकर पुलिस थाने भेज दिया गया.
'राहुल के लिए इस्तेमाल की अभद्र भाषा'
परेश रावल का नाटक 'डियर फादर' पिता और पुत्र के रिश्ते पर आधारित है. अहमदाबाद वेस्ट यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष नीरव बख्शी ने अखबार से बात करते हुए दावा किया कि उनके कुछ कार्यकर्ता नाटक के दौरान मौजूद थे और नाटक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संबंध में 'अपमानजनक' भाषा का इस्तेमाल किया गया.
'हमने सिर्फ नारे लगाने की सोची थी'
बख्शी ने कहा, 'हम अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करते हैं. लेकिन जब कोई पैसे देकर नाटक देखने जाता है तो उसमें जानबूझ कर नेताओं को गलत या सही दिखाने की कोशिश क्यों की जाती है? इसलिए हमने विरोध करने का फैसला किया और अपने करीब 100 कार्यकर्ता ऑडिटोरियम में भेज दिए. हमने सीन के दौरान नारे लगाने और प्रदर्शन करने की सोची थी. लेकिन आयोजकों को हमारी मौजूदगी का पता चल गया इसलिए ऐसी नौबत ही नहीं आई. इसके बावजूद पुलिस ने हमें हिरासत में ले लिया.'
परेश रावल बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.वह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक हैं. वह मोदी के लिए प्रचार भी कर चुके हैं. वह मोदी पर बन रही गुजराती फीचर फिल्म में लीड रोल भी कर रहे हैं. इस फिल्म में नरेंद्र मोदी के संघर्ष और उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने तक के सफर को दिखाया जाएगा.