scorecardresearch
 

'रात की पार्टी में जाने का नहीं... रेप-गैंगरेप...', अहमदाबाद में लगे विवादित पोस्टर से मचा बवाल

अहमदाबाद में सतर्कता ग्रुप द्वारा लगाए गए पोस्टरों में 'रेप-गैंगरेप' जैसे आपत्तिजनक स्लोगनों से विवाद खड़ा हो गया है. पोस्टरों पर ट्रैफिक पुलिस का नाम होने से सवाल उठे. एसीपी ने सफाई दी कि उद्देश्य जागरूकता था, पर स्लोगन आपत्तिजनक लगने पर पोस्टर हटा दिए गए हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी ने सरकार पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया है.

Advertisement
X
 सतर्कता ग्रुप द्वारा लगाए गए पोस्टर. (Photo: Atul tiwari/ITG)
सतर्कता ग्रुप द्वारा लगाए गए पोस्टर. (Photo: Atul tiwari/ITG)

अहमदाबाद शहर के सोला और चाणक्यपुरी जैसे इलाकों में महिलाओं को लेकर लगाए गए कुछ पोस्टरों ने विवाद खड़ा कर दिया है. इन पोस्टरों में जो स्लोगन लिखे गए थे, वे बेहद आपत्तिजनक और महिलाओं के प्रति असंवेदनशील माने जा रहे हैं. एक पोस्टर पर लिखा था, 'ऐ रंगली, रात की पार्टी में जाने का नहीं… रेप - गैंगरेप हो सकता है', वहीं दूसरे पर लिखा था,'ऐ रंगला, अंधेरे में सुमसाम जगह पर रंगली को लेकर जाने का नहीं… रेप- गैंगरेप हो जाए तो…?'

दरअसल, इन पोस्टरों को सतर्कता ग्रुप द्वारा लगवाया गया था, जिन पर बतौर स्पॉन्सर अहमदाबाद शहर ट्रैफिक पुलिस का नाम भी छपा हुआ था. यही बात विवाद की सबसे बड़ी वजह बन गई. सवाल यह उठने लगे कि क्या वाकई ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे आपत्तिजनक स्लोगनों को सार्वजनिक करने की अनुमति दी थी और अगर दी थी, तो क्यों?

यह भी पढ़ें: अहमदाबाद:10वीं की छात्रा ने स्कूल की चौथी मंजिल से लगाई छलांग, इलाज के दौरान मौत

मामला गरमाने के बाद अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस के एसीपी शैलेष मोदी ने सफाई देते हुए कहा कि सतर्कता ग्रुप ने इन पोस्टरों को जागरूकता के उद्देश्य से लगाया था. लेकिन जब पोस्टर के कंटेंट पर आपत्ति जताई गई, तो उन्हें तुरंत हटा दिया गया.

अहमदाबाद

इस पूरे प्रकरण पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता डॉक्टर करण बारोट ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक ओर सरकार महिला सशक्तिकरण की बातें करती है. वहीं दूसरी ओर ऐसे शर्मनाक स्लोगनों वाले पोस्टर ये साबित कर रहे हैं कि जमीनी सच्चाई क्या है. उन्होंने कहा, अगर सरकार महिलाओं की सुरक्षा के दावे करती है, तो फिर यह बताए कि रात में महिलाओं को बाहर निकलने की आज़ादी है या नहीं?

Advertisement

सरकार के दावों के अनुसार अहमदाबाद देश के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है, जहां महिलाएं और बेटियां रात में भी बिना डर घूम सकती हैं. लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर पुलिस स्वयं इस तरह के स्लोगन के साथ संदेश देने लगे, तो क्या वास्तव में महिलाएं सुरक्षित हैं? क्या यह मानसिकता महिला स्वतंत्रता को कुचलने का संकेत नहीं है?

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement