scorecardresearch
 

प्याज-लहसुन के विवाद में 11 साल की शादी टूटी... कपल का तलाक मंजूर, पत्नी ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

Couple Divorce Onion Garlic: शादी के 11 साल बाद तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में अर्जी दी गई थी, जिसे मंजूर कर लिया गया. बाद में पत्नी ने इस तलाक को चुनौती देते हुए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

Advertisement
X
हाईकोर्ट ने पत्नी की अपील खारिज की.(Photo:ITG)
हाईकोर्ट ने पत्नी की अपील खारिज की.(Photo:ITG)

अहमदाबाद में तलाक का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां खाने में प्याज और लहसुन डालने को लेकर एक कपल के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि शादी के 11 साल बाद ही मामला तलाक तक पहुंच गया.

पत्नी बच्चे को साथ लेकर चली गई, जिसकी वजह से पति ने पत्नी के खान-पान की पाबंदियों को असहनीय बताते हुए फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया. बाद में इस मामले में गुजरात हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, जहां अदालत ने तलाक को चुनौती देने वाली पत्नी की अपील खारिज कर दी.

इस जोड़े की शादी साल 2002 में हुई थी. पत्नी स्वामीनारायण संप्रदाय की अनुयायी थी और इसलिए वह प्याज-लहसुन खाने से सख्त परहेज करती थी, लेकिन पति और सास को उससे कोई परहेज नहीं था. समय के साथ व्यंजनों का चुनाव उनके वैवाहिक जीवन के लिए एक आपदा बन गया. धीरे-धीरे घरेलू विवाद बढ़े और रिश्ते में खटास आ गई.

स्वामीनारायण संप्रदाय के नियमों का पालन करने वाली पत्नी नियमित रूप से मंदिर में प्रार्थना और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेती थी. पति और सास अपना आहार बदलना नहीं चाहते थे, जिसके परिणामस्वरूप घर में अलग से खाना पकाने की व्यवस्था की गई थी.

Advertisement

इस विभाजित रसोई ने अंततः वैवाहिक संबंध को समाप्त करने का काम किया और पत्नी ने बच्चे के साथ अपने पति का घर छोड़ दिया.

साल 2013 में पति ने अहमदाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दी. उसने दावा किया कि पत्नी ने उसके खिलाफ खाने को लेकर क्रूरता करके उसे छोड़ दिया है.

साल 2024 में फैमिली कोर्ट ने दोनों के तलाक को मंजूरी देने के साथ पति को भरण-पोषण का भी आदेश दिया. जिसे लेकर दोनों हाइकोर्ट पहुंचे.

पत्नी के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि पति ने फैमिली कोर्ट में दावा किया था कि पत्नी की धार्मिक मान्यताओं के कारण प्याज-लहसुन से परहेज करने की उसकी आदत झगड़े का कारण बन रही थी और वह अपने रुख पर अड़ी हुई थी.

फैमिली कोर्ट ने पति के दावे को स्वीकार कर लिया और तलाक देने के साथ पति को भरण पोषण का आदेश दिया, जिसका पालन नहीं हो रहा है.

पति के वकील ने तर्क दिया कि उसका मुवक्किल और उसकी मां पत्नी के लिए बिना प्याज-लहसुन के खाना बनाते थे. प्याज और लहसुन का सेवन दोनों के बीच मतभेद का मुख्य कारण था.

पति ने हाईकोर्ट को बताया कि उसे महिला पुलिस स्टेशन में भी आवेदन देना पड़ा था. हाईकोर्ट में एक बिंदु पर पत्नी ने कहा कि अब उसे तलाक से कोई आपत्ति नहीं है.

Advertisement

पति ने हाईकोर्ट में जवाब दिया कि वह शेष भरण-पोषण राशि को किश्तों में अदालत की रजिस्ट्री में जमा करेगा, जो राशि उसकी पत्नी को दी जाएगी. जिसके बाद हाइकोर्ट ने पत्नी की तलाक की चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement