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राजकोट: 16 बच्चों समेत 21 मजदूर छुड़ाए गए, जबरदस्ती करवाया जाता था 10 घंटे काम, यौन उत्पीड़न का भी आरोप

राजकोट में नकली ज्वेलरी यूनिट से पश्चिम बंगाल के 16 बच्चों सहित 21 लोगों को छुड़ाया गया. 8 हजार रुपए में रोज 10 घंटे काम कराया जाता था. मालिक अजितमौला बच्चों को पीटता था, एक बच्चे के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई है. आरोपी पर POCSO, बाल श्रम और BNS की धाराओं में केस दर्ज हुआ. सभी पीड़ित सुरक्षित हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

गुजरात के राजकोट से एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां पश्चिम बंगाल से लाए गए 21 लोगों को जबरदस्ती imitation (नकली) ज्वेलरी फैक्ट्री में 10 घंटे से अधिक काम करवाया जा रहा था. इनमें 16 नाबालिग लड़के और 5 युवा (18 से 22 वर्ष की उम्र के) शामिल थे. सभी को पुलिस ने 6 जून की सुबह एक गुप्त सूचना के आधार पर मोरबी रोड स्थित एक घर पर छापा मारकर छुड़ाया.

जानकारी के मुताबिक, आरोपी की पहचान अजितमौला अजमतमौला के रूप में हुई है, जो पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले का रहने वाला है. उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. प्रारंभिक जांच में पता चला कि अजितमौला ने इन बच्चों और युवाओं को उनके माता-पिता की सहमति से राजकोट लाया था, लेकिन बाद में उनसे जबरन नकली आभूषण बनवाने का काम करवाया गया.

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पुलिस के अनुसार, इन बच्चों को ₹8 हजार मासिक वेतन पर रखा गया था, लेकिन जब वे आदेशानुसार काम नहीं करते थे, तो अजितमौला उन्हें बुरी तरह पीटता था. मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एक बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न की भी घटना हुई है, जिसमें एक वस्तु को जबरन उसके गुप्तांग में डाला गया था.

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इस गंभीर मामले में आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 118 (हमला), 146 (अनैच्छिक मज़दूरी), बाल श्रम निषेध अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और POCSO एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. ACP भरत बासिया ने बताया कि सभी नाबालिग और युवा फिलहाल शहर के एक चाइल्ड केयर होम में प्रशासन की निगरानी में रखे गए हैं.

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