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विकास के अलावा सब काम कर रही है दिल्ली सरकार: विजय गोयल

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता इसलिए मैं समझता हूं केजरीवाल सरकार, जो रोज नए बहाने लाती है, जनता जानती है कि इनको काम नहीं करना है, केवल झगड़ना है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने अराजकता शब्द का इस्तेमाल किया.

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विजय गोयल
विजय गोयल

सर्विसेज विभाग और दिल्ली सरकार के बीच ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर छिड़ी जंग पर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल का कहना है कि कोर्ट ने जो निर्णय सुनाया है वह केवल संविधान की व्याख्या थी. संविधान सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा है, अगर आम आदमी पार्टी को काम करना ही नहीं है तो रोज उनके पास सौ बहाने हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता इसलिए मैं समझता हूं केजरीवाल सरकार, जो रोज नए बहाने लाती है, उनके बारे में जनता जानती है कि इनको काम नहीं करना है, केवल झगड़ना है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने अराजकता शब्द का इस्तेमाल किया. सर्विसेज डिपार्टमेंट यानी अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग और सेवा से जुड़े मामलों को देखने वाले विभाग के सचिव ने मनीष सिसोदिया का आदेश वापस लौटा दिया, इस पर विजय गोयल का कहना है कि इस मामले में बहुत जल्दी दिखाई गई, एक ही दिन में फाइल को भेजने की आवश्यकता नहीं थी.

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'दिल्ली के विकास के अलावा सभी काम करते हैं केजरीवाल'

आम आदमी पार्टी के कोर्ट में जाने की बात पर विजय गोयल का कहना है कि संविधान में जो अधिकार उपराज्यपाल को या केंद्र सरकार को या राष्ट्रपति को दिये गये हैं वो उनके पास ही रहेंगे. कोर्ट ने इस बारे में कुछ नहीं किया. बात यह है कि अगर पार्टी को काम नहीं विवाद पैदा करना है तो आप कोर्ट में खड़े रहें और रोज प्रधानमंत्री से या उप राज्यपाल से या केंद्र सरकार से झगड़ा करते रहें और दिल्ली का विकास करने के अलावा सभी काम करते रहें.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण है, पानी की समस्या है, बिजली की समस्या है, बिजली के रेट बढ़े हुए हैं, यातायात की समस्या है, स्वास्थ्य और चिकित्सा सबसे बेकार है लेकिन दिल्ली सरकार इन सब पर ध्यान नहीं दे रही बल्कि बाकी सब काम कर रही है.

केंद्र के हाथ में नहीं दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना

दिल्ली को पूर्ण राज्य देने की आम आदमी पार्टी की बात पर विजय गोयल का कहना है कि दिल्ली की जनता को समझना चाहिए कि यह केंद्र सरकार के हाथ में नहीं है, बल्कि संसद के हाथ में है. क्या केजरीवाल ने अपनी पार्टी के अलावा किसी दूसरी पार्टियों से बात की है? क्या संसद इस स्थिति में है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दे पाए? क्या वह पूर्ण राज्य का दर्जा दे पाएगी? मैं समझता हूं केवल राजनीति की जा रही है वह भी दिल्ली के विकास की कीमत पर.

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