scorecardresearch
 

SC के फैसले के बाद केजरीवाल ने मांगा LG से मिलने का समय

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. पार्टी कोर्ट के फैसले के बाद आगे की रणनीति पर विचार कर सकती है. सभी विधायकों को अपने काम की पेंडिंग लिस्ट लेकर पहुंचने को कहा गया है.

Advertisement
X
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल)

राजधानी दिल्ली में अधिकारों को लेकर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल पिछले तीन साल से आमने-सामने थे, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने एलजी को सरकार की सलाह पर काम करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह से आक्रामक रुख में है. केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलने का वक्त भी मांगा है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. पार्टी कोर्ट के फैसले के बाद आगे की रणनीति पर विचार कर सकती है. सभी विधायकों को अपने काम की पेंडिंग लिस्ट लेकर पहुंचने को कहा गया है.

बुधवार को भी बुलाई थी बैठक

फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय पर कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें सभी मंत्रियों के विभागों में लंबित पड़े कामकाज से जुड़ी फाइलों को तलब किया गया. हालांकि बीजेपी की ओर से इसे आप सरकार की हार बताया गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि सभी विभागों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरुप काम करने का निर्देश दे दिया गया है.

Advertisement

सर्विसेज विभाग ने लौटाई सिसोदिया की फाइल

दिल्ली सरकार और एलजी के बीच अधिकारों को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया लेकिन फैसले के चंद घंटे के भीतर ही फिर से अधिकारों पर तकरार शुरू हो गई. सर्विसेज विभाग ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की भेजी गई फाइल को लौटा दिया है.

भले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर और मुख्यमंत्री के बीच अधिकारों के बंटवारे की रेखा खींच दी हो लेकिन लगता है अभी खेल बाकी है. इसकी शुरुआत देर रात उस वक्त हुई जब दिल्ली के नौकरशाह के एक वरिष्ठ अफसर ने उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आदेश पर टका सा जवाब देते हुए उसे मानने से साफ इनकार कर दिया.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी लंबे समय से चल रही जंग के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुमकिन नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ही राज्य को चलाने के लिए जिम्मेदार है. फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर खुशी जता दी है, उन्होंने कहा है कि दिल्ली में लोकतंत्र की जीत हुई है. आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि केंद्र की मोदी सरकार एलजी के जरिए अपना एजेंडा आगे बढ़ा रही है और राज्य सरकार को काम नहीं करने दे रही है.

Advertisement

Advertisement
Advertisement