सर्दियों की दस्तक के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का जहर घुलने लगता है. इसके न केवल वायु प्रदूषण बल्कि पानी भी जहरीला हो रहा है. एक तरफ दिल्ली की हवा प्रदूषित हो रही है और सांसों पर पहरा लगा रही है. वहीं, दूसरी तरफ यमुना के पानी में झाग तैरने लगे हैं. छठ का त्योहार करीब है और यमुना जहरीली हो रही है. DPCC की रिपोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक नदी में मल का लेवल काफी ज्यादा बढ़ रहा है. जिसके कारण छठ के दौरान पूजा करनेवालों के लिए खतरनात साबित हो सकती है. अगस्त में हुई अच्छी बारिश के कारण नदी में ऑक्सीजन का लेवल पहले से ज्यादा बढ़ा है. लेकिन इसके साथ-साथ नदी में फेकल कोलीफॉर्म का लेवल भी काफी ज्यादा बढ़ा है.
छठ से पहले जहरीली हुई यमुना
यमुना का एक डराने वाला वीडियो सामने आया है. जिसमें नदी में झाग ही झाग नजर आ रहे है. बर्फ से नजर आने वाले ये झाग नदी में दूर-दूर तक फैले हुए हैं. ऐसा लग रहा है, जैसे नदी में पानी कम और झाग ज्यादा है. ये वीडियो कालिंदी कुंज इलाके का है. यह सफेद झाग की मोटी परत यमुना में गिरने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के वेस्ट से बनी है. इस सफेद झाग का एक बड़ा कारण छोटी बड़ी फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल वेस्ट भी है, जो नालों से होता हुआ यमुना में आकर गिरता है और इस जाग के ऊपर आपको काले रंग की एक पतली सी लेयर भी दिखाई देगी. दरअसल ये लेयर भी फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल वेस्ट की वजह से बनती है और ये काले रंग की पतली परत ही कैंसर और फेफड़ों की बीमारी का बड़ा कारण है.
कैसी है आपके शहर की एयर क्वॉलिटी, यहां कीजिए चेक
इतनी प्रदूषित यमुना होने के बावजूद भी लोग छठ के मौके पर यमुना के इस गंदे पानी में आस्था की डुबकी लगाते हैं लेकिन बावजूद इसके सरकार के लचर रवैया की वजह से यमुना साफ नहीं हो पाती. सरकारी हर साल करोड़ों रुपए यमुना की साफ सफाई करने के लिए खर्च करती है लेकिन वह पैसा शायद कागजों में ही खर्च हो पता है जिसके चलते इसका असर यमुना के पानी में नहीं दिखता. इसी साल सितंबर के महीने में दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल समिति ने यमुना के सभी पॉइंट्स से यमुना के पानी के सैंपल कलेक्ट किए और जांच के लिए भेजे यमुना के पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट आई तो नतीजे बेहद चौंकाने वाले थे.
वायु प्रदूषण की बात करें तो पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में AQI का लेवल तेजी से बढ़ा है. दिल्ली-एनसीआर में कुछ इलाकों का AQI 300 से ऊपर पहुंच गया है. वायु प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को अपनी सेहत की फिक्र सताने लगती है. ताजा आंकड़ों की बात करें तो आज, 18 अक्तूबर को दिल्ली का औसत AQI 293 मापा गया, जो खराब श्रेणी में आता है लेकिन ये बहुत खराब स्थिति के बेहद करीब है.
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का क्या है हाल, देखें खास कवरेज
NCR में भी बिगड़ने लगी हवा
कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.