देश की राजधानी दिल्ली में स्थित राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग और एलएनजेपी अस्पतालों में संदिग्ध रूप से गर्मी से संबंधित (heatwave) बीमारियों के कारण 45 मौतें दर्ज की गई हैं. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. दिल्ली पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी से जूझ रही है. गुरुवार सुबह हल्की बारिश के कारण कुछ राहत मिली. शहर के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के कारण मरने वालों और मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई.
एजेंसी के अनुसार, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. अजय चौहान ने कहा कि 27 मई से 19 जून की सुबह 9 बजे के बीच अस्पताल में हीटस्ट्रोक के 47 मामले आए. इसके बाद अगले 24 घंटों में हीटस्ट्रोक के 26 मरीज अस्पताल में लाए गए.
डॉक्टर ने बताया कि 27 मई से 19 जून की सुबह 9 बजे के बीच अस्पताल में हीटस्ट्रोक से 11 लोगों की संदिग्ध रूप से मौतें हुईं. इसके बाद अगले 24 घंटों में 7 लोगों की संदिग्ध रूप से मौतें दर्ज की गईं. वर्तमान में आरएमएल अस्पताल में गर्मी से संबंधित बीमारियों के 32 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 26 या तो बहुत बीमार हैं या वेंटिलेटर पर हैं.
यह भी पढ़ें: मक्का में हीटवेव के बीच हज यात्रा के दौरान अबतक 90 भारतीयों ने गंवाई जान
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल में भीषण गर्मी की शुरुआत से अब तक 24 मौतें दर्ज की गई हैं. अस्पताल में गुरुवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच छह नए मरीज भर्ती हुए और दो मौतें हुईं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में गर्मी से संबंधित बीमारियों के कुल 47 मरीज हैं, जिनमें से 29 की हालत गंभीर है.
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि 16 जून से अब तक गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण 62 मरीज भर्ती हुए हैं, जबकि अब तक मरने वालों की संख्या 24 है. सफदरजंग अस्पताल में गर्मी से संबंधित बीमारी वाले मरीजों के लिए 23 बेड वाला वार्ड बनाया गया है.
अस्पताल में रोगियों की देखभाल के लिए अतिरिक्त पेडस्टल पंखे लगाए गए हैं. आइस पैक, कूल फ्लूइड, स्प्रेइंग डिवाइस और कूलिंग शीट सहित कूलिंग डिवाइस उपलब्ध हैं.
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में 17 मरीज भर्ती हैं, जबकि पिछले 24 घंटों में वार्ड में पांच मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, 15 जून से 19 जून के बीच संदिग्ध हीटस्ट्रोक के कारण पांच मरीजों की मौत हो गई है.
निगमबोध घाट पर दाह संस्कार की संख्या में वृद्धि
शहर के मुख्य श्मशान घाट निगमबोध घाट पर दाह संस्कार की संख्या में वृद्धि देखी गई है. हालांकि, अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर सके कि ये मौतें हीटस्ट्रोक से संबंधित थीं या नहीं. निगमबोध घाट संचालन समिति के महासचिव सुमन गुप्ता ने बताया कि बुधवार को निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार के लिए 142 शव लाए गए, जो कि रोजाना औसतन 50 से 60 शवों से करीब 136 प्रतिशत अधिक हैं.
निगमबोध घाट संचालन समिति श्मशान घाट पर संचालन का प्रबंधन करती है. यहां आने वाले शवों की संख्या मंगलवार को भी अधिक थी. इस दिन शहर के सबसे पुराने और सबसे बड़े श्मशान घाट पर 97 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. आमतौर पर यहां रोजाना करीब 50-60 शव अंतिम संस्कार के लिए लाए जाते हैं. पिछले कुछ दिनों में यह संख्या अधिक रही है.