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पढ़िए, रेप के आरोपी तेजपाल की पीड़िता को लिखी चिट्ठी

तहलका पत्रिका के संस्‍थापक और प्रधान संपादक तरुण तेजपाल ने भले ही खुद पर लगे यौन उत्‍पीड़न के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन 19 नवंबर को सहकर्मी और पीड़ित लड़की को लिखा तेजपाल का ईमेल कुछ और ही कहानी बयां करता है.

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तरुण्‍ा तेजपाल
तरुण्‍ा तेजपाल

तहलका पत्रिका के संस्‍थापक और प्रधान संपादक तरुण तेजपाल ने भले ही खुद पर लगे यौन उत्‍पीड़न के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन 19 नवंबर को सहकर्मी और पीड़ित लड़की को लिखा तेजपाल का ईमेल कुछ और ही कहानी बयां करता है.

गौरतलब है कि 18 नवंबर को पीड़ित लड़की ने पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी को ईमेल कर तरुण पर यौन शोषण का अरोप लगाया था. इसके ठीक अगले दिन तरुण ने लड़की को ईमेल कर लिखा, 'मैं तुम्‍हें यह नहीं बता सकता है कि यह मुझे कितना कौंध रहा है. लेकिन मैं यह स्‍वीकार करना चाहता हूं कि मैंने हमारे बीच विश्‍वास और आदर के एक लंबे रिश्‍ते को दूषित किया है. मैं बिना‍ किसी शर्त के उस शर्मनाक घटना के लिए क्षमा मांगता हूं, जिसके तहत मैंने 7 और 8 नवंबर को दो बार तुम्‍हारे साथ अवैध संबंध बनाए. तुमने तब इसका विरोध करते हुए कहा था कि तुम मुझसे ऐसा कुछ नहीं चाहती हो.'

'मैं पहला और आखिरी जिम्‍मेदार व्‍यक्ति हूं: तरुण'
तरुण ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है, 'हालांकि इस बात के कई कारण हैं कि मैंने अपने पछतावे को क्‍यों छुपाया, लेकिन उन सबसे प्रमुख यह बात है कि मैंने तुम्‍हारा दिल और अपने प्रति तुम्‍हारे विश्‍वास को तोड़ा है. मैंने हमेशा नारी के अधिकारों और उसकी पूर्ण स्‍वतंत्रता की बात की है. ऐसे में मुझे खुद को इस दुखद परिस्थिति में खड़ा देखना, बहुत लज्जित करने वाला है. मैं कहूंगा कि वह पल उन्‍माद का पल था. हालांकि यह जिम्‍मेदारियों से भागने जैसा होगा, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता. मैं इनसब के लिए खुद को पहला और आखिरी जिम्‍मेदार मानता हूं.'

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'तहलका मत छोड़ना'
तरुण ने पीड़ित लड़की को भेजे ईमेल में खुद को दोषी मानते हुए पीड़िता से तहलका नहीं छोड़ने की विनती की है. तरुण्‍ा ने लिखा है, 'मैं जानता हूं कि शोमा ने तुमसे तहलका नहीं छोड़ने की विनती की है. मैं जानता हूं कि मैं यह कहने का हक खो चुका हूं, लेकिन फिर भी यह विनती करना चाहूंगा कि तुम संस्‍थान छोड़ कर मत जाना. मैं यह विश्‍वास दिलाता हूं कि तुम यहां पहले जैसे स्‍वाभिमान और स्‍वतंत्रता से काम कर पाओगी. तुम्‍हें यहां किसी भी तरह के डर या एहसान जैसा माहौल नहीं मिलेगा और मैं खुद तुम्‍हारे लिए हर पल मौजूद रहूंगा. तुमने मुझे अबतक एक अलग इंसान के रूप में जाना, एक संपादक के रूप में, जिसपर तुमने बहुत विश्‍वास किया और जिसपर तुम्‍हें बहुत गर्व था. इस अवि‍वेकपूर्ण भूल के बाद भी मैं तुम्‍हें बताना चाहूंगा कि वह इंसान आज भी मौजूद है और वह तुम्‍हारे प्रति अपार आदर भाव रखता है.'

'मैंने तुम्‍हें बढ़ते और परिपक्‍व होते देखा है'
तरुण तेजपाल ने अपनी चिट्ठी की शुरुआत में भी लिखा है कि मुझे तुम पर बहुत गर्व है कि तुम मेरे सहकर्मी की बेटी और फिर मेरी सहकर्मी बनीं. तरुण ने आगे लिखा है, 'मैंने तुम्‍हें एक ईमानदार पत्रकार के तौर पर बढ़ते और परिपक्‍व होते देखा है. मैं तुम्‍हारी परेशानी और दुख को समझ सकता हूं. लेकिन अगर मेरा अफसोस करना तुम्‍हारे दुख को कुछ कम करता है तो मैं यकीन दिलाता हूं कि हमारे बीच सबकुछ इस विपदा की घड़ी से पहले जैसा होगा.'

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'तरुण मुझसे सबसे सामने माफी मांगें'
अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 18 नवंबर को जब पीड़िता ने शोमा चौधरी को चिट्ठी लिखी तो उसके जवाब में शोमा ने लिखा कि तरुण तुमसे माफी मांगेगा. जबकि पीड़िता ने कहा कि वह चाहती है कि तरुण सबके सामने उससे माफी मांगे और एक इंटरनल कमिटी बनाई जाए जो मामले की जांच करे. यही नहीं पीड़िता ने यह भी मांग की कि तरुण के इस्‍तीफे की चिट्ठी भी सभी पत्रिका कर्मियों को भेजी जाए. गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रकाशक उर्वशी बुटालिया की अध्‍यक्षता में मामले की जांच के लिए कमिटी बना दी गई है.

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