दिल्ली से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां दो साल पहले टैटू के चलते लखनऊ के रहने वाले एक युवक ने खुदकुशी की थी. मृतक अभिषेक के परिजनों ने अब उसकी हत्या का मुकदमा दिल्ली में दर्ज कराया. दरअसल यह कहानी साल 2020 में शुरू हुई थी. जब लखनऊ का रहने वाला युवा अभिषेक दिल्ली IPS अधिकारी बनने का सपना लेकर आया था. वह दिल्ली के पॉश इलाके राजिंदर नगर में किराए का कमरा लेकर मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई कर रहा था. उसने अपने कमरे की दीवारों पर आईपीएस अफसरों की तस्वीरें भी लगा रखी थीं. जिन्हें देखकर उसके अंदर उत्साह और आत्मविश्वास आता था. साथ ही अभिषेक ने अपने पर्स में आईपीएस बनने के संकल्प की एक पर्ची भी डाल ली थी जिस पर लिखा था 2021 में आईपीएस बनना है.
टैटू के कारण एक युवक ने की थी खुदुकशी
अभिषेक दिन रात अपने सपने को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत करने लगा. इस दौरान 21 फरवरी 2021 को उसने अपने हाथ पर आईपीएस का टैटू भी बनवा लिया. अगले दिन उसने अपने दोस्त ललित मिश्रा को टैटू दिखाया तो उसने छूटते ही कहा कि अरे ने ये क्या करा लिया? टैटू वाले तो यूपीएससी पास करने के बाद भी आईपीएस में सेलेक्ट नहीं हो पाते.
अभिषेक के पिता ब्रजेश के मुताबिक ललित से बात करने के बाद वह बेचैन हो गया. फिर उसने गूगल पर टैटू की वजह से सिलेक्शन में आने वाली चुनौतियों की जानकारी भी सर्च की और टैटू हटाने की तकनीक, संभावना और खर्चा भी सर्च किया. लेकिन 25 फरवरी को उसने अपने कमरे फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. इस दौरान पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था.
टैटू बनाने वाले कलाकार और स्किन विशेषज्ञों की मानें तो टैटू को लेजर तकनीक से हटाया और मिटाया जा सकता है. उसका खर्च भी अमूमन तीन हजार रुपये प्रति इंच के करीब आता है. बावजूद इसके अभिषेक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. दो साल बाद मृतक अभिषेक के परिजनों ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराकर उसकी हत्या की साजिश का आरोप लगाया.
मृतक के परिजनों ने 2 साल बाद लिखवाया हत्या का मुकदमा
अभिषेक के परिजनों ने मकान मालिक और उसके साथ रहने वालों को आरोपी बनाया. पुलिस को जांच में हत्या की किसी साजिश का सुराग नहीं मिला. आरोपियों से पूछताछ के बाद उनका पॉलीग्राफी टेस्ट भी कराया गया. जब कुछ नहीं मिला ता पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी. बताया जा रहा है कि अभिषेक के फरवरी के चौथे हफ्ते में टैटू बनवाने के बाद अपने फोन पर किए गए गूगल सर्च की जानकारी भी अदालत को दी थी.