सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में सरकारी वकीलों के चयन को लेकर नया आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह और वकील राजेश बत्रा को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है. इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा कोल मामले में स्पेशल वकील का कार्यभार देख रहे थे.
वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा को 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने एसपीपी नियुक्त किया था. उन्होंने अपनी अधिक उम्र और उनकी सहायता करने वाले कानूनी अधिकारियों की कमी का जिक्र करते हुए उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया था.
पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले की सुनवाई के लिए दो स्पेशल जज नियुक्त किए गए थे. इससे पहले बहुचर्चित कोयला घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई विशेष जज भरत पराशर कर रहे थे. साल 2014 से लंबित मामलों की सुनवाई के लिए नये जज की नियुक्ति को लेकर भी स्थिति साफ हो गई है. विशेष जज भरत पराशर के स्थान पर किसी अन्य जज की नियुक्ति को लेकर स्थिति साफ हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाले से जुड़े लंबित मामलों की सुनवाई के लिए अरुण भारद्वाज और संजय बंसल को स्पेशल जज नियुक्त किया है. बहुचर्चित कोयला घोटाले से जुड़े लंबित मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्पेशल जज नियुक्त किए गए अरुण भारद्वाज और संजय बंसल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई के लिए दो कोर्ट भी बनाए हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक पत्र लिखा था. इस पत्र में दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सिफारिश की थी कि कोयला घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई साल 2014 से बतौर स्पेशल जज कर रहे पीठासीन अधिकारी भरत शर्मा की जगह किसी अन्य बेहतरीन क्षमता वाले जज से कराई जाए. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के इस पत्र का संज्ञान लिया था.