देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर ढा रही है. कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू समेत तमाम तरह की पाबंदियां लगाईं गईं हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है. कई कर्मचारी-अधिकारी कोरोना के लक्षणों से परेशान हैं. जबकि कई लोगों में तो इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में कुल 3400 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. शनिवार तक यहां 44 पॉजिटिव केस सामने आए.
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब सुप्रीम कोर्ट के सभी जज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने निवास से ही सुनवाई करेंगे. सभी कोर्ट रूम सहित पूरे सुप्रीम कोर्ट परिसर को सेनेटाइज किया जा रहा है. इसलिए आज सभी बेंच निर्धारित समय से एक घंटा देरी से बैठेंगी.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट सूत्रों के मुताबिक महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक कामकाज प्रभावित नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए 1600 लिंक मौजूद हैं. न्यायिक कामकाज के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं, ऐसे में कामकाज में कोई रुकावट नहीं आएगी. कोर्ट की कुल 16 बेंच सुनवाई कर रही हैं. अब सारी फाइलें डिजिटल रूप में हैं. फाइलों को इधर उधर ले जाने की जरूरत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने कहा है कि वे कोरोना संक्रमित होने वालों का डाटा कलेक्ट कर रहे हैं. उनके संपर्क आए लोगों की ट्रेसिंग की जा रही है. कोर्ट परिसर को सेनेटाइज करने का काम चल रहा है. डिटेल 12 बजे तक जारी की जाएगी.
इससे पहले दिल्ली में कोरोना संकट के चलते दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी की सभी जिला अदालतों में फिजिकल सुनवाई बंद करने के आदेश जारी किए थे. नए आदेश के बाद 23 अप्रैल तक दिल्ली हाई कोर्ट और दिल्ली की सभी जिला अदालतों में सुनवाई अब वर्चुअल मोड में ही होगी.
वहीं, पिछले हफ्ते यूपी की राजधानी लखनऊ में सभी न्यायालय 3 अप्रैल तक बंद रहेंगे. लखनऊ में जिला जज व सीजीएम सहित लगभग 20 न्यायिक कार्य से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए, इसके बाद लखनऊ के अधीन आने वाली सभी अदालतों को 2 दिन के लिए बंद कर दिया गया है.
गौरतलब है कि देश में बीते 24 घंटे में कुल 1,68,912 नए केस दर्ज किए गए. जबकि 904 लोगों की मौत हुई है. जो अबतक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, अगर यही रफ्तार रही तो देश जल्द ही हर रोज़ दो लाख तक मामले दर्ज करने लगेगा.