राजस्थान के भरतपुर जिले के संदिग्ध पाकिस्तानी जासूस कासिम से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पूछताछ कर रही है. शुरुआती पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. कासिम ने माना है कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जासूसी करने के बदले अब तक करीब 2 लाख पाकिस्तानी रुपये अलग-अलग किस्तों में दिए गए हैं. यह रकम उसे भारत में सैन्य गतिविधियों की सूचनाएं भेजने के बदले मिली.
सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में कासिम ने पुलिस को बताया कि उसने अपने मोबाइल फोन से सारा डेटा डिलीट कर दिया था. उसने यह कदम तब उठाया, जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और उसके बाद भारत में पाकिस्तान से जुड़े जासूसों की गिरफ्तारी तेज होने लगी. उसे शक हुआ कि कहीं वह भी पकड़ा न जाए, इस डर से उसने फोन से सभी मैसेज, कॉल डिटेल्स और लोकेशन हिस्ट्री डिलीट कर दी. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कासिम का फोन फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि उसने पाकिस्तान के साथ क्या और कितनी सूचनाएं साझा की थीं.
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स्पेशल सेल अब कासिम की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगाल रही है. इससे पता लगाया जा रहा है कि वह भारत लौटने के बाद किन-किन इलाकों में गया और किन लोगों के संपर्क में रहा. पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या वह अकेले काम कर रहा था या उसके साथ भारत में कोई और नेटवर्क जुड़ा था. सूत्रों के अनुसार, कासिम पहलगाम हमले के एक हफ्ते पहले ही पाकिस्तान से भारत लौटा था. उसके दस्तावेजों की जांच में यह बात सामने आई है.
ISI के संपर्क में कैसे आया?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कासिम के पाकिस्तान में रिश्तेदार रहते हैं. इन्हीं के ज़रिए वह वहां गया था और वहीं उसकी मुलाकात ISI के अधिकारियों से हुई. ISI ने कासिम से कहा कि तुम्हारा भाई हमारे लिए काम करता है, तुम भी हमारे लिए भी करो, क्योंकि तुम मौलवी हो और लोग तुम्हारी बातों पर विश्वास करेंगे. पुलिस सूत्रों ने ये भी बताया कि कासिम का भाई असीम अभी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है. वो भी कई बार जा चुका है. इसके बाद कासिम को बाकायदा ट्रेनिंग दी गई. उसे बताया गया कि कैसे सेना के संपर्क में आना है, क्या सवाल पूछने हैं और कैसे पकड़े जाने से बचना है.
जासूसी की ट्रेनिंग और सावधानी के सबक
सूत्र बताते हैं कि कासिम को आर्मी मूवमेंट, सैन्य ठिकानों और कैंपों की लोकेशन की जानकारी जुटाने का काम सौंपा गया था. उसे ट्रेनिंग में यह भी सिखाया गया कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल कैसे करना है, कॉल कब और कैसे करनी है, ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके. पुलिस को शक है कि वह कई संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान तक पहुंचा चुका है.
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि कासिम का भाई असीम इस पूरे नेटवर्क का हिस्सा है. वह फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है. सूत्रों के अनुसार, असीम भी कई बार पाकिस्तान जा चुका है और उसके भी ISI से गहरे संबंध बताए जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल इस केस को एक बड़े जासूसी नेटवर्क से जोड़कर देख रही है. कासिम से मिली जानकारियों के आधार पर अन्य संभावित एजेंट्स और उनके संपर्कों पर भी नजर रखी जा रही है. जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.