पूसा रोड के पास झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली महिलाएं हर रोज छेड़छाड़ और बदसलूकी का जोखिम लेकर घर से निकलती हैं. इनके घर में शौचालय नहीं है और उनको घर से एक किलोमीटर दूर जंगल में जाना पड़ता है. महिलाएं इतनी परेशान हैं कि इस बार वोटिंग के बॉयकॉट का फैसला कर सकती हैं.
राजेंद्र नगर विधानसभा के झुग्गी-झोपड़ी की महिलाओं ने सड़क पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन किया. दरअसल इलाके में टॉयलेट नहीं होने से महिलाओं को कई किलोमीटर दूर जंगलों में जाना पड़ता है और रास्ते में इनके साथ छेड़छाड़ की घटनाएं भी होती हैं. अब इलाके के लोगों ने फैसला किया है कि इस बार अगर मांगे नहीं मांगी गई तो वह वोट नहीं डालेंगे.
लोगों का कहना है कि अब तक नेता उन्हें अपना वोट बैंक समझकर इस्तेमाल करते आये है. सुविधाओं के नाम पर इन लोगों को कुछ खास नहीं मिला है. करीब 25 साल से यहां रह रहे इन लोगों ने तय किया है कि अगर इनकी माँगे नहीं मानी गईं तो यह लोग किसी को अपना वोट नहीं डालेंगे. स्थानीय महिला उर्मिला ने कहा, 'शौचालय नहीं होने से बहुत परेशानी है. दिन-रात किसी भी वक्त बाहर महिलाएं सुरक्षित नहीं है, हर दिन छेड़छाड़ होती है.'
दरअसल पूसा रोड पर झुग्गियो में करीब तीन हजार लोग रहते हैं. इनके वोटर आई कार्ड बने हुए हैं, राशन कार्ड है, घरो में बिजली के मीटर भी लगे है, मगर इनके लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है. लोग अपनी समस्याएं लेकर कई बार स्थानीय विधायक और निगम पार्षद के पास गए हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.