उत्तर भारत का मौजूदा बिजली संकट और गहरा सकता है. ऐसा इसलिए कि उत्तर भारत को बिजली सप्लाई करने वाले ज्यादातर बिजली प्लांट के पास सिर्फ 4 से लेकर 7 दिनों तक का ही कोयला बचा है. इससे उत्तरी ग्रिड के फेल होने का खतरा पैदा हो गया है.
बुरी खबर यह है कि इन पावर प्लांट के पास कोयले का कोई स्टॉक नहीं है. 21 पावर प्लांट के पास सिर्फ 4 दिनों का ही कोयला बचा है, जबकि 15 प्लांट के पास 7 दिन का कोयला है.
देश के ये 36 पावर प्लांट 55 हजार मेगावाट बिजली पैदा करते हैं, जो देश की कुल जरूरत का 20 प्रतिशत है.
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में बिजली संकट जारी है. कई जगह ग्रिड में मरम्मत होने और बिजली की सप्लाई न होने की वजह से घंटों बिजली काटी जा रही है, जिससे लोग त्रस्त हैं. बिजली की बेहिसाब कमी चिलचिलाती गर्मी की तपिश और बढ़ा रही है.