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दिल्ली: अस्पतालों से शव मिलने में अब नहीं होगी देरी, रात में भी होंगे पोस्टमॉर्टम, सिसोदिया का आदेश

दिल्ली सरकार ने बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को ऐलान किया कि अब राजधानी के अस्पतालों में रात में भी पोस्टमॉर्टम हुआ करेंगे. दरअसल मौजूदा नियम की वजह से शाम होने के बाद अस्पतालों में पोस्टमॉर्टम नहीं होते हैं. इस नियम की वजह से शव लेने के लिए पूरी रात इंतजार करना पड़ा है लेकिन नए नियम से पीड़ित परिवारों को कुछ राहत मिलेगी.

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मनीष सिसोदिया ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया आदेश (सांकेतिक फोटो)
मनीष सिसोदिया ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया आदेश (सांकेतिक फोटो)

दिल्ली में अब सूर्यास्त के बाद भी शवों का पोस्टमॉर्टम हो सकेगा. इससे अब शव लेने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, साथ ही अंगदान और प्रतिरोपण को भी बढ़ावा मिलेगा. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस संबंध में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पर्याप्त सुविधाओं वाले अस्पतालों में रात में भी पोस्टमॉर्टम करने के लिए निर्देशित दे दिए हैं. साथ ही अस्पताल इंचार्ज को सभी जरूरी इफ्रांस्ट्रक्टर पोस्टमॉर्टम हाउस में करने के लिए कह दिया है.

मनीष सिसोदिया ने आदेश जारी करते हुए कहा कि रात के वक्त पोस्टमॉर्टम होने के चलते दिल्ली में अब लोगों को शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इससे मृतकों के परिजनों को काफी सहूलियत मिलेगी. हालांकि उन मौतों के मामले में जहां हत्या, आत्महत्या, बलात्कार या किसी तरह की गड़बड़ी का संदेह होगा, उन शवों की जांच केवल दिन में ही की जाएगी.

अंगदान से जुड़े केसों का पहले होगा पोस्टमॉर्टम

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऑर्गन डोनेशन से जुड़े मामलों का पोस्टमॉर्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा. पहले शवों को रात के वक्त मर्चरी में सुरक्षित रख दिया जाता था. शवों की अंत्येष्टि के लिए पूरी रात इंतजार करना पड़ता था. इससे उनकी पीड़ा और बढ़ जाती थी लेकिन अब रात में पोस्टमॉर्टम हाउस पर आने वाले शवों के अंत्य परीक्षण की प्रक्रिया को मुकम्मल करने के लिए अगले दिन का इंतजार नहीं करना होगा.

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पोस्टमॉर्टम के दौरान की जाएगी वीडियो रिकार्डिंग

डिप्टी सीएम ने कहा कि किसी भी संदेह को दूर करने के लिए रात में होने वाले पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. यह कानूनी उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए भविष्य के संदर्भ के लिए संरक्षित रखी जाएगी. मृतक के दोस्तों और रिश्तेदारों के अलावा यह नई प्रक्रिया अंगदान और प्रतिरोपण को भी बढ़ावा देगी, क्योंकि प्रक्रिया के बाद तय समय में अंगों को निकाला जा सकता है.

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