दिल्ली विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर दिए अपने पहले संदेश में कहा कि मजबूत लोकायुक्त बिल पास कराना उनकी अगली सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
विश्वास मत को अपनी खास शैली में जाहिर करते हुए केजरीवाल ने कहा कि जनता के एजेंडा के पक्ष में 37 और जनता के एजेंडा के खिलाफ 32 वोट पड़े.
केजरीवाल ने एक बार फिर दोहराया कि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. केजरीवाल की नई प्राथमिकता को सहज ही समझा जा सकता है क्योंकि उनकी पार्टी लोकपास के मुद्दे से ही पैदा हुई है. ये अलग बात है कि आंदोलन के सूत्रधार अन्ना हजारे को अब सरकारी लोकपाल रास आ गया है, लेकिन अरविंद को दिल्ली में अपनी हसरतों का लोकायुक्त चाहिए.