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औरंगजेब नहीं, अब डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लेन नया नाम, लुटियंस दिल्ली में बदला सड़क का नाम

लुटियंस दिल्ली में औरंगजेब लेन का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लेन कर दिया गया है. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने एक बैठक में लेन का नाम बदलने को मंजूरी दी है. इससे पहले सिर्फ रोड का नाम बदला गया था. अब लेन का नाम भी बदल दिया गया है. NDMC का कहना है कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए महापुरुषों को पहचान देने की जरूरत है.

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लुटियंस दिल्ली में औरंगजेब लेन का नाम बदल दिया गया है. (फोटो- ANI)
लुटियंस दिल्ली में औरंगजेब लेन का नाम बदल दिया गया है. (फोटो- ANI)

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने बुधवार को लुटियंस दिल्ली में औरंगजेब लेन का नाम बदलने का फैसला लिया है. अब इस लेन को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड के नाम से जाना जाएगा. NDMC ने सदस्यों की बैठक में लेन का नाम बदलने की मंजूरी दी गई है.

इससे पहले NDMC ने अगस्त 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया था. अब लेन का नाम भी बदल दिया गया है. औरंगजेब लेन मध्य दिल्ली में अब्दुल कलाम रोड को पृथ्वी राज रोड से जोड़ती है. NDMC क्षेत्र के अंतर्गत 'औरंगजेब लेन' का नाम बदलकर 'डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम' करने पर विचार करने के लिए परिषद के समक्ष एक प्रस्ताव रखा गया था.

लेन का नाम बदलने के प्रस्ताव को दी गई मंजूरी

NDMC के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि नई दिल्ली नगरपालिका अधिनियम, 1994 की धारा 231 की उप-धारा (1) के खंड (ए) के संदर्भ में नाम बदलने का प्रस्ताव आया था. परिषद ने औरंगजेब लेन का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लेन करने को मंजूरी दे दी है. लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए महान पुरुषों और महिलाओं को पहचान देने की जरूरत है. उनका सम्मान करने के लिए पहले भी सड़कों/संस्थानों के नाम बदले गए हैं.

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सीवर लाइनों की सफाई के लिए 25 करोड़ की मंजूरी दी गई

एनडीएमसी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय अधिनियम, 2011 की वैधता के विस्तार पर भी अपनी सहमति दे दी है. परिषद ने बड़ी सीवर लाइनों से गाद निकालने और पुनर्वास के कार्य के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये के व्यय को भी मंजूरी दे दी. एनडीएमसी क्षेत्र की सीवरेज प्रणाली 80 साल से अधिक पुरानी है, इसका उपयोगी जीवन समाप्त हो चुका है और ये वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह अपर्याप्त हैं.

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परिषद ने फेज-III के तहत शांति पथ से सत्य सदन, मधु लिमये मार्ग से कौटिल्य मार्ग और कुशक नाले तक 990 से 1,143 मिमी व्यास वाली सीवर लाइन की डी-सिल्टिंग और पुनर्वास के कार्य के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी और व्यय की मंजूरी दी है. वर्ष 2023-24 के बजटीय प्रस्ताव के तहत 'एलोपैथिक' दवाओं की खरीद के लिए 600 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है.

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