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उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में ताहिर हुसैन को नहीं मिली जमानत, अदालत ने खारिज की याचिका

23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के बीच, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे. इस हिंसा मामले में आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन पर ED ने केस दर्ज किया था. कोर्ट ने ताहिर हुसैन की याचिका खारिज कर दी है.

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ताहिर हुसैन (फाइल फोटो)
ताहिर हुसैन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ED ने ताहिर हुसैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था
  • पहले भी कई बार जमानत याचिका खारिज हुई

उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में कथित रूप से फंडिंग के आरोपी MCD के पूर्व पार्षद और पूर्व AAP नेता ताहिर हुसैन को जमानत नहीं मिली है. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शनिवार को ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के लिए कथित तौर पर फंडिंग का आरोप लगाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ताहिर हुसैन पर मामला दर्ज किया था. 

आपको बता दें कि इससे पहले कई बार ताहिर हुसैन ने ज़ामानत याचिका लगाई थी, जिसे हर बार अदालत में खारिज किया गया. पहले भी कोर्ट ने पूर्व पार्षद की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि दिल्ली में हिंसा को भड़काने और सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए ताहिर हुसैन ने अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग किया था.

दिल्ली पुलिस ने 3 मार्च 2020 को ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया था. ताहिर हुसैन इस समय तिहाड़ जेल में बंद है. दिल्ली पुलिस भी अपनी चार्जशीट में दावा कर चुकी है कि ताहिर हुसैन ने फरवरी 2020 में दिल्ली में हुई हिंसा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 

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उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के बीच भड़की हिंसा के दौरान दंगाइयों ने जमकर तांडव किया था. दर्जनों घरों और दुकानों को आग लगा दी गई थी. इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी. 13 जुलाई को हाई कोर्ट में दायर दिल्ली पुलिस के हलफनामे के मुताबिक, मारे गए लोगों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे. इन दंगों के मामले में कुल 755 एफआईआर दर्ज की गई थीं. साथ ही, इन दंगों में जांच के दौरान 1818 गिरफ्तार किए गए थे.

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