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दिल्लीः धरने पर बैठे MCD के कर्मचारी, 17 अगस्त से हड़ताल की चेतावनी

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तो एमसीडी से इस कदर नाराज हैं कि धरना देकर एमसीडी के मुख्यालय सिविक सेंटर के सामने ही बैठ गए. इन कर्मचारियों ने तीनों एमसीडी के मेयर और अफसरों के खिलाफ खूब नारेबाजी की.

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सड़क पर गड्डे हैं और नालों की सफाई नहीं हुई
सड़क पर गड्डे हैं और नालों की सफाई नहीं हुई

दिल्लीवाले सड़कों पर गड्डों से परेशान हैं और गड्डे भरने वाले कामगार एमसीडी से. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तो एमसीडी से इस कदर नाराज हैं कि धरना देकर एमसीडी के मुख्यालय सिविक सेंटर के सामने ही बैठ गए. इन कर्मचारियों ने तीनों एमसीडी के मेयर और अफसरों के खिलाफ खूब नारेबाजी की और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए जबरदस्त प्रदर्शन भी किया.

धरना पर बैठे कई विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
इन कर्मचारियों में मेंटेनेंस विभाग, नाला सफाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल थे. इनकी मांग है कि 20-20 साल होने के बाद भी इन्हें नियमित नहीं किया गया और दूसरे कर्मचारियों के समान सुविधाएं भी नहीं दी गई. ऐसे में उन्हें धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

यूनियन ने दी 17 अगस्त से हड़ताल की चेतावनी
जाहिर है कि जब कर्मचारी धरने पर हैं, तो काम पर कौन होगा. बरसात में हर तरफ सड़क पर गड्ढे हैं और नालों की सफाई नहीं होने से बारिश का पानी सड़कों पर भर रहा है. ऐसे में कर्मचारियों के धरने का एमसीडी पर न सही दिल्लीवालों पर जल्द असर दिख सकता है. क्योंकि कर्मचारियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर 17 अगस्त से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है.

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हड़ताल के लिए जिम्मेदार होगी एमसीडी
कर्मचारी नेता अशोक अंजना के मुताबिक पिछले लंबे समय से एमसीडी उनकी मांगों को लेकर अनसुनी करती रही है, लेकिन अब पानी सिर से ऊपर हो गया है. इसलिए चेतावनी के लिए धरना दिया है. अगर अब भी मांगे नहीं मानी गईं, तो हड़ताल के लिए एमसीडी ही जिम्मेदार होगी.

डेंगू की रोकथाम के लिए भी कामगार जरूरी
दिल्ली में 60 फीट से कम चौड़ी सड़कों की जिम्मेदारी एमसीडी के पास है और चार फीट से कम गहरी नालियों की सफाई भी एमसीडी के ही नाला बेलदार करते हैं. साथ ही डेंगू जैसी बीमारी की रोकथाम में भी एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लगते हैं. ऐसे में अगर ये कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे, तो मुश्किल दिल्लीवालों की होगी.

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