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दिल्ली विधानसभा में शिक्षक विधेयक पेश, सिसोदिया बोले- तैयार करेंगे विश्वस्तरीय टीचर्स

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को विधानसभा में सदन के समक्ष दिल्ली शिक्षक विधेयक 2022 पेश किया. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने बताया कि विश्वस्तरीय शिक्षक तैयार करने के लिए दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा.

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Manish Sisodia
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • विधानसभा में दिल्ली शिक्षक विधेयक पेश
  • तैयार करेंगे विश्वस्तरीय टीचर्स: सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को विधानसभा में सदन के समक्ष दिल्ली शिक्षक विधेयक 2022 पेश किया. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने बताया कि विश्वस्तरीय शिक्षक तैयार करने के लिए दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा.

उन्होंने कहा कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी का मूल उद्देश्य टीचर ट्रेनिंग में ऐसे मानक स्थापित करना है कि जब देश में कही भी टीचर एजुकेशन इंस्टिट्यूट की बात की जाए तो लोग दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी का उदहारण दें.

होगी शिक्षकों की विश्वस्तरीय ट्रेनिंग

उपमुख्यमंत्री ने अपने अभिभाषण में कहा कि विश्वस्तरीय शिक्षक तैयार करने के लिए दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा जहां शिक्षकों की विश्वस्तरीय ट्रेनिंग होगी. देश में इंजीनियरिंग के लिए आईआईटी, प्रबंधन के लिए आईआईएम और पत्रकारिता के लिए आईआईएमसी जैसे संस्थान बने लेकिन टीचर्स ट्रेनिंग के लिए कोई इस तरह का संस्थान नहीं बना.केजरीवाल सरकार ने शिक्षा पर काम करते हुए इस बात की गंभीरता को समझा और अब एक ऐसा संस्थान दिल्ली में बनने जा रहा है जो देश भर के लिए ऐसे शिक्षक बनाएगा जो देश में शिक्षा को एक अलग मुकाम देंगे.

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टीचर-एजुकेशन के लिए स्थापित करना है मानक

उन्होंने बिल को सदन में पेश करते हुए कहा कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी केवल एक बीएड करवाने वाली संस्था नहीं होगी बल्कि इसके पीछे एक विजन है. आज जब इंजीनियरिंग की बात की जाती है तो देश में हजारों इंजीनियरिंग संस्थान है पर लोग एक स्वर में आईआईटी का नाम लेते है क्योंकि आईआईटी ने न केवल शानदार इंजिनियर तैयार करने का काम किया है बल्कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई का एक मानक भी तैयार किया है. ठीक इसी तरह आईआईएम ने न केवल एमबीए की डिग्री देने का काम किया है बल्कि मैनेजमेंट की पढ़ाई का मानक तैयार किया है. यही कारण है कि आईआईएम से निकले छात्र आज विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों को चला रहे है. सिसोदिया ने कहा कि देश में आजतक टीचर ट्रेनिंग के लिए कोई भी ऐसा इंस्टिट्यूट तैयार नहीं किया गया है जो टीचर-एजुकेशन के लिए मानक स्थापित किया जा सके.

होगा 4 साल के इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में प्रतिभाशाली शिक्षक तो है लेकिन ट्रेनिंग संस्थानों की कमी है. दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी इस कमी को पूरा करने का काम करेगी और हर साल यहां से हजारों प्रोफेशनल टीचर्स निकलेंगे जो शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम करेंगे. उन्होंने बताया कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में हर साल शिक्षकों की जरूरतों को देखते हुए सीटें बढाई जाएगी. यहां प्री-सर्विस के साथ-साथ इन-सर्विस टीचर ट्रेनिंग के लिए भी शानदार मापदंड तैयार किए जाएंगे. यहां 4 साल के इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के साथ नियमित बीएड, बीएलएड कोर्स भी चलाए जाएंगे. साथ ही यहां उन युवाओं के लिए भी 1 साल का डिप्लोमा प्रोग्राम चलाया जाएगा जो टीचर बनने के इच्छुक है, उनमे पढ़ाने को लेकर पैशन है लेकिन सिस्टम के नियमों के कारण वो आधिकारिक रूप से इसका हिस्सा नहीं बन पाते और करियर के रूप में नहीं अपना पाते.

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आगे आंकड़ें पेश करते हुए सिसोदिया ने कहा कि देश के 3 लाख स्कूलों में टीचर्स की कमी है और पूरे देश में लगभग 11 लाख शिक्षकों की कमी है. दिल्ली के सन्दर्भ में दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ सालों में हजारों नए क्लासरूम का निर्माण किया है.और लगभग 15 हज़ार टीचर्स की पोस्ट क्रिएट की है. दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी 12 एकड़ भूमि में फैला होगा. इसमें लेक्चर हॉल, डिजिटल लैब और वर्ल्ड-क्लास फैसिलिटीज वाला एक पुस्तकालय होगा.चार मंजिला मेन यूनिवर्सिटी ब्लाक को दो भागों में बांटा गया है- प्रशासनिक तल और शिक्षा तल. भूतल पर प्रशासन कार्यालय होगा, जबकि प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तल पर कक्षाएं संचालित होंगी.वर्तमान में यूनिवर्सिटी ब्लॉक शुरू होने के लिए तैयार है और यूनिवर्सिटी के अन्य ब्लॉक भी जल्द पूरा हो जाएंगे.
 

 

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