नई दिल्ली में हो रहे G20 सम्मेलन जैसे ग्लोबल ईवेंट आंदोलनकारियों के लिए भी अपनी ताकत दिखाने का मौका होते हैं. अतीत में भी कई देशों में इस तरह के सम्मेलन प्रदर्शनों के गवाह बने हैं. इसी को ख्याल में रखते हुए भारत सरकार और दिल्ली पुलिस ने ऐसी किसी संभावना को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है. दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस रिपोर्ट में 22 अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठनों को खतरा माना गया है. G20 summit की Cyber Security को लेकर खास रणनीति बनाई गई है.
दरअसल, 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में हो रहे G20 सम्मेलन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं है. दुनिया के 20 देशों के नेता यहां हिस्सा लेने आ रहे हैं. इसके लिए 8 सितंबर से ही आयोजन स्थल के आसपास के इलाके मुकम्मल बंद रहेंगे. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस आयोजन के लिए चुनौती बनने वाले कुछ समूहों की पहचान की है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि करीब 200 लोग प्रदर्शन करने की कोशिश कर सकते हैं. इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं-
1. कुछ असंतुष्ट छात्र समूह, जिसमें UPSC परीक्षा देने वाले छात्र शामिल हैं, जिनमें CSAT जनरल स्टडीज़ की परीक्षा में न्यूनतम नंबर लाने की अनिवार्यता को लेकर नाराजगी है. इसके अलावा यूक्रेन से लौटे MBBS छात्रों के रूसी प्रतिनिधिमंडल के आगे प्रदर्शन करने की आशंका है.
2. दिल्ली और धर्मशाला में रहने वाले तिब्बती समूहों पर निगरानी रखी जा रही है, जो चीन के खिलाफ प्रदर्शन कर सकते हैं. इसके लिए चीनी दूतावास के आसपास भी सुरक्षा बढ़ाई गई है.
3. खालिस्तान समर्थक समूहों पर भी पुलिस की नजर है. इसके अलावा सिख चरमपंथियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. जो सम्मेलन के दौरान उन्माद फैला सकते हैं.
4. कुछ वामपंथी संगठनों और NGO को भी सम्मेलन के लिए खतरा माना गया है. जो किसी भी बहाने से विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे.
5. ड्रोन हमले की आशंका को नाकाम करने के लिए आयोजन स्थल के आसपास की इमारतों पर विशेष सुरक्षा दस्ते तैनात किए गए हैं.
इन तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए दिल्ली में कई स्तर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है. आयोजन स्थल की सभी महत्वपूर्ण लोकेशंस की सख्त निगरानी की जा रही है. यहां आने-जाने वाले सभी रास्तों पर चेक पोस्ट लगाई गई हैं. एयरपोर्ट, उत्तरी और सेंट्रल दिल्ली के इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खासतौर पर जंतर मंतर, विजय चौक, इंडिया गेट, राजघाट, लाल किला, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और सभी ऐतिहासिक स्मारकों पर विशेष पुलिस बल लगाया गया है.
G20 Summit की cyber security ऐसी होगी-
दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया की निगरानी को लेकर विशेष तैयारी की है. कुछ विदेशी संगठनों के बारे में माना जा रहा है कि वे सम्मेलन के दौरान सोशल मीडिया पर भ्रामक बातें और अफवाह फैलाकर लोगों के बीच असंतोष फैलाना चाहेंगे. ऐसी सभी सोशल मीडिया पोस्ट पर पुलिस के साइबर सेल की पैनी निगाह होगी.
2010 में कनाडा के G20 सम्मेलन में भी थी प्रदर्शन की आशंका
G20 सम्मेलन के दौरान आयोजन स्थल के आसपास आवाजाही रोकने और बाजार बंद कराने को लेकर कुछ व्यापारियों में असंतोष है. लेकिन, भारत की मेजबानी में हो रहे G20 सम्मेलन की चुनौतियों को देखा जाए तो सबकुछ व्यवस्थित ढंग से होता चला जा रहा है. 2010 में जब कनाडा के टोरेंटो शहर में तो G20 सम्मेलन स्थल के आसपास ऊंची ऊंची फेंसिंग खड़ी कर दी गई थी. ताकि कोई आंदोलनकारी उपद्रवी वहां न आ सके. शहर में दंगे की आशंका देखते हुए दुकानों के दरवाजे पर बड़ी शीट लगा दी गई थी, ताकि किसी तरह की आगजनी और तोड़फोड़ के नुकसान को टाला जा सके. उम्मीद करें कि नई दिल्ली में हो रहा G20 सम्मेलन निर्विघ्न संपन्न हो जाए.