जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन हिंसा फैली थी. इस मामले में अब तक 25 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. दिल्ली क्राइम ब्रांच की 14 टीमें जांच में जुटी हैं. इसी बीच अब तक की जांच में हिंसा को लेकर तमाम बड़े खुलासे हुए हैं. बताया जा रहा है कि जहांगीरपुरी हिंसा में कई हार्डकोर गैंगस्टर भी शामिल थे. इनमें से कई तो तिहाड़ जेल में पहले सजा भी काट चुके हैं. इतना ही नहीं ज्यादातर गिरफ्तार आरोपियों का बंगाल कनेक्शन भी सामने आ रहा है. इसे लेकर क्राइम ब्रांच जांच में जुट गई है.
जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर हुए ये बड़े खुलासे
1- कई हार्डकोर गैंगस्टर भी थे शामिल
हिंसा के वक्त हिंसा में कई हार्डकोर गैंगस्टर और नामी बदमाश शामिल थे. इन तमाम बदमाशों पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, इतना ही नहीं इनमें से कई तिहाड़ जेल में पहले सजा काट चुके हैं. घटना के वक्त इन्होंने भी उपद्रवियों का जमकर साथ दिया. हिंसा के बाद ये लोग फरार भी हो गए. पुलिस ने ऐसे करीब 20 बदमाशों की धरपकड़ के लिए कई टीमों को लगाया है. पुलिस अंसार से भी इन तमाम बदमाशों और गैंगस्टर के बारे में पूछताछ करने में जुटी है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस हिंसा से ठीक पहले तिहाड़ जेल से जमानत या पैरोल पर बाहर आए गैंगस्टर बदमाशों से भी पूछताछ करने में जुटी है.
2- जहांगीरपुरी पूरी हिंसा का 'बंगाल कनेक्शन' तलाश रही पुलिस
जहांगीपुरी हिंसा में गिरफ्तार ज्यादातर आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. क्राइम ब्रांच की टीम पश्चिम बंगाल में अब तक कुल 6 आरोपियों के ठिकानों पर पहुंच कर जांच पड़ताल कर चुकी है. आरोप लगते रहे हैं कि जहांगीरपुरी में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रहते हैं. ऐसे में दिल्ली पुलिस गिरफ्तार आरोपियों का बांग्लादेशी कनेक्शन भी खंगाल रही है. इसलिए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम पश्चिम बंगाल में तमाम आरोपियों के घरों और रिश्तेदारों के यहां पूछताछ करने में जुटी है.
3-गिरफ्तार आरोपी जिनका बंगाल कनेक्शन मिला
अंसार हिंसा का मुख्य आरोपी है. वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. इसके अलावा हिंसा के दौरान गोली चलाने वाला असलम भी बंगाल का है. इसके अलावा सलीम चिकना, सोनू शेख उर्फ इस्लाम, दिलशाद, आहिर उर्फ आहिद, जाहिद, मुख्तियार अली, जाकिर और अक्सर भी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.
4- हिंसा की जांच के लिए पुलिस ले रही है IPDR की मदद
अब पुलिस Internet Protocol Detail Record के जरिए पता लगा रही है कि जिस दिन हिंसा हुई उस दिन कितने फोन इलाके में लगे मोबाइल टावर से इंटरनेट के जरिए एक्टिव थे. IPDR की मदद इसलिए ले रही है क्योंकि कई बार क्रिमिनल क्राइम के दौरान नॉर्मल कॉल न करके, इंटरनेट कॉलिंग करते हैं. इसलिए पुलिस हिंसा वाले दिन का IPDR निकाल कर पता लगा रही है उस दिन कितने फोन एक्टिव थे. यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या उस इलाके में हिंसा वाले दिन ज्यादा फोन एक्टिव थे? ताकि पता चल सके की हर रोज के मुताबिक क्या उस दिन बाहर से भी लोग आए थे और उनकी भूमिका क्या थी?
5- कॉल डिटेल रिकॉर्ड को खंगालने में जुटी पुलिस
क्राइम ब्रांच की टीम अंसार, असलम, और सोनू समेत तमाम आरोपियों की हिंसा वाले दिन की लोकेशन से लेकर कॉल डिटेल रिकॉर्ड को खंगालने में जुटी है. हिंसा में इस्तेमाल हुई पिस्टल उपलब्ध कराने वाले गुलाम रसूल ऊर्फ गुल्ली ने पूछताछ में बताया है कि उसने घटना वाले दिन नाबालिग बच्चों को हथियार दिए थे.
गोली चलाने वाले सोनू उर्फ चिकना उर्फ यूसुफ को गुल्ली ने ही दस हजार रुपए में पिस्तौल दी थी. पूछताछ के दौरान असलम और सोनू उर्फ चिकना ने बताया की गुल्ली नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें पिस्तौल दी थी. सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच ने सीसीटीवी, जांच और लोकल इनपुट के आधार पर 300 उपद्रवियों की पहचान की है. इनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.