दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल से रिहा होने पर उनके स्वागत में उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित सीएम आवास के बाहर पटाखे फोड़ने को लेकर एक एफआईआर दर्ज की है. अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी. आगामी सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है. केजरीवाल सरकार ने 9 सितंबर को ही बैन का ऐलान किया था.
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के बाहर आतिशबाजी को लेकर सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा घोषित आदेशों की अवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है. अरविंद केजरीवाल की शुक्रवार शाम को तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद सीएम आवास के बाहर पटाखे फोड़े गए. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेता के स्वागत के लिए यहां जुटे थे.
सब-इंस्पेक्टर ने दर्ज करायी एफआईआर
एफआईआर एक सब-इंस्पेक्टर की शिकायत पर दर्ज की गई है जो शुक्रवार शाम 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर तैनात थे. उन्होंने एफआईआर में कहा है, 'शाम 6.45 बजे मुझे कानून व्यवस्था संभालने के लिए 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर तैनात किया गया था. बहुत सारे लोग इकट्ठा थे और मैंने प्रदूषण पैदा करने वाले पटाखों की आवाज सुनी. जब मैंने मौके पर जाकर देखा तो पटाखे जला रहे लोग वहां से भाग गये.'
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'जब भी दिवाली या हिंदू धर्म का कोई अन्य त्योहार आता है तो आम आदमी पार्टी के नेता घोषणाएं करते हैं. दिल्ली के मंत्री और AAP नेता गोपाल राय को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए. एक दिन पहले उन्होंने फरवरी 2025 तक पटाखे पर प्रतिबंध लगाने को लेकर बयान दिया था और कल सीएम के सामने पटाखे जलाए गए. हालांकि, सभी प्रतिबंध केवल सनातन धर्म के लिए हैं.'
केजरीवाल को SC से मिली सशर्त जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर भ्रष्टाचार के मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी. वह पांच महीने से अधिक समय तक तिहाड़ जेल में बंद थे. अरविंद केजरीवाल
को पहले ईडी द्वारा 21 मार्च, 2024 को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत गिरफ्तार किया गया था. बाद में सीबीआई ने उन्हें ईडी की हिरासत में रहते हुए 26 जून, 2024 को जेल से ही गिरफ्तार किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी लेकिन शर्तों के साथ. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को अपनी जमानत शर्तों के तहत ₹10 लाख का बेल बॉन्ड जमा करना होगा. उन्हें दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में मीडिया में कोई भी बयान देने से मना किया गया है. उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में भी जाने की अनुमति कोर्ट ने नहीं दी है. वह आधिकारिक दस्तावेजों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं कर सकते, जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक न हो. जब तक अदालत उन्हें मामले में बरी न कर दे, तब उन्हें केस के ट्रायल में उपस्थित होना पड़ेगा.'