कोरोना काल में दिल्ली का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल अब मरीजों को घर बैठे वायरल बीमारियों का इलाज टेलीफोन पर देने की तैयारी कर रहा है. कोविड अस्पताल होने की वजह से सेंट्रल दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल में आम बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने टेलीफोन और ऑनलाइन तकनीक के जरिए मरीजों से जुड़ने का प्लान बनाया है.
'आजतक' ने LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार से एक्सक्लूसिव बातचीत की. डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि सीजनल बीमारी में वायरल फीवर से लेकर मलेरिया, टाइफाइड और दिल की बीमारी के अलावा अन्य मरीजों को अस्पताल का रुख न करना पड़े, इसलिए अस्पताल ने टेलीफोनिक कंस्लटेशन देने और ऑनलाइन OPD रजिस्ट्रेशन करने की तैयारी शुरू कर दी है. लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल में एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है.
डॉ सुरेश कुमार ने आगे कहा कि "बारिश के बाद डेंगू और चिकनगुनिया का सीजन शुरू हो गया है, ऐसे में पिछले हफ़्ते एक बैठक में सभी विभाग के प्रमुख डॉक्टर्स के साथ 'टेलीफोनिक कंस्लटेशन' को लेकर डिटेल चर्चा हुई थी. LNJP अस्पताल ने तय किया है कि कुछ समय के बाद जब OPD खुलेंगे तब टेलिफोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मरीजों को मदद पहुंचा सकते हैं. शुरुआत टेली-कंस्लटेशन से होगी.
इससे फायदा ये होगा कि कोरोना के संक्रमण के बीच अन्य मरीजों को अस्पताल नहीं आना पड़ेगा. अस्पताल में सभी विभाग के HOD से बात कर और उनके सुझाव को ध्यान में रखते हुए जल्द ही सेवाएं शुरू की जाएंगी.
LNJP अस्पताल द्वारा घर पर बैठे मरीज से जुड़ी रोजाना की समस्याओं को सुलझाने के लिए अस्पताल की IT टीम की मदद ली जाएगी. मरीज एक खास नंबर पर बिना किसी परेशानी के कॉल कर सकें, इसलिए अखबारों के जरिए भी टेलीफोन नंबर का प्रचार किया जाएगा. साथ ही, मरीजों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, मरीज घर बैठे ही OPD कार्ड बना सकते हैं. कोरोना काल में अस्पताल द्वारा दोबारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की जाएगी. अस्पताल प्रशासन की मानें तो आने वाले समय में मरीज, अलग-अलग विभाग के डॉक्टर्स से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ले सकेंगे.
ये भी पढ़ें- भारत ने तोड़ा एक दिन में सबसे ज्यादा कोरोना केस का रिकॉर्ड, हालात चिंताजनक
डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि मरीजों के साथ टेलीफोनिक कंस्लटेशन के लिए अस्पताल ने 20 मोबाइल फोन की व्यवस्था की है. जरूरत बढ़ने पर मोबाइल फोन की संख्या आगे बढ़ायी भी जाएगी.
डॉक्टर कुमार ने कहा, "मोबाइल नंबर को हर विभाग में मौजूद सीनियर डॉक्टर और कंसल्टेंट के टेलीफोन से कनेक्ट किया जाएगा. जिससे मरीज सीधे डॉक्टर्स से अपनी बीमारी, सेहत से जुड़ी हर समस्या, टेस्ट या दवाइयों के बारे में भी चर्चा कर पाएंगे."
LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर कुमार ने कहा, "व्हाट्सएप के माध्यम से भी दवाइयों का प्रिस्क्रिप्शन देने पर विचार किया जा रहा है. इससे संबंधित एक मोबाइल ऐप बनाने के लिए अस्पताल की एक्सपर्ट टीम से भी बातचीत चल रही है. हालांकि कुछ प्रतिबंधित दवाइयों को छोड़कर बाकी दवाइयां मेडिकल शॉप पर उपलब्ध होती हैं, लेकिन वायरल फीवर, मलेरिया, टायफाइड की दवाइयां आसानी से टेलीफोन के माध्यम से फार्मासिस्ट दे सकते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट भी कोरोना काल में टेलीफोनिक कंस्लटेशन और इलेक्ट्रॉनिक प्रिस्क्रिप्शन को मान्य बता चुके हैं."