जैसे ही अचानक आई धूलभरी आंधी ने दिल्ली की हवा को ‘गंभीर’ श्रेणी में धकेल दिया, राजधानी का राजनीतिक माहौल भी गरमा गया. जहां आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीजेपी की रेखा सरकार को दोषी ठहराया तो वहीं हाल ही में नियुक्त किए गए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीधे AAP की पिछले सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया.
मंत्री सिरसा ने एक तीखे ट्वीट में लिखा, “पहले आप दिल्ली के लिए AAP-DA बने, अब आप AAPDA में अवसर तलाश रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक पूर्व सीएम राजनीतिक लाभ के लिए प्राकृतिक रेत के तूफ़ान का इस्तेमाल कर रहे हैं. खासकर तब जब असली दोष AAP के शासन में एक दशक की उपेक्षा का है."
उन्होंने आगे कहा कि भले ही आज की वायु गुणवत्ता आपदा मौसम की देन हो सकती है, लेकिन इसकी जड़ें AAP की “कचरा-और-धूल वाली सरकार” में हैं. उन्होंने लिखा, “दिल्ली को कूड़े का मैदान बना दिया गया है. सड़कें टूटी पड़ी हैं और धूल से अटी हैं. प्रदूषण को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई. और हर बार जब प्रकृति प्रतिक्रिया देती है, AAP मौसम के पीछे छिप जाती है.”
भाजपा उठाएगी सफाई की जिम्मेदारी
मंत्री सिरसा ने यह भी घोषणा की कि अब भाजपा की सरकार “AAP के 10 साल के गंदगी राज” की सफाई की जिम्मेदारी उठाएगी. उन्होंने कहा, “हम एक-एक ईंट, एक-एक सांस से 10 साल की गंदगी साफ करेंगे.”
AAP की तरफ से फिलहाल मंत्री सिरसा के तीखे आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि पार्टी का अब तक यही रुख रहा है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट जलवायु परिवर्तन और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण हो रही है.
जैसे-जैसे दिल्ली का आसमान धुएं और धुंध से ढकता जा रहा है, राजधानी की राजनीति में भी धुंधलापन बढ़ता जा रहा है. एक बार फिर प्रदूषण का मुद्दा राजनीतिक वैचारिक युद्ध का केंद्र बन गया है.