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दिल्ली में अचानक बढ़ा धूल प्रदूषण, AQI ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचा, जानिए क्यों बनी धूल की चादर

दिल्ली में बीती रात धूल प्रदूषण में अचानक और चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई, जिसके कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'खराब' श्रेणी में पहुंच गया और 200 के पार चला गया. शहर के कई निगरानी स्टेशनों ने पार्टिकुलेट मैटर (PM10 और PM2.5) की सांद्रता में सामान्य स्तर से 20 गुना तक वृद्धि की सूचना दी, जिसने दिल्लीवासियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को बढ़ा दिया है.

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Delhi NCR pollution. (फाइल फोटो)
Delhi NCR pollution. (फाइल फोटो)

राजधानी दिल्ली में बीती रात धूल प्रदूषण में अचानक और चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में घूल की चादर छा गई है. इसका असर विजिबिलिटी और हवा की क्वालिटी पर भी दिखने लगा है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'खराब' श्रेणी में पहुंच गया और 200 के पार चला गया. 

इसके अलावा राजधानी के कई प्रदूषण ऑब्जरवेशन केंद्रों पर PM10 और PM2.5 जैसे सूक्ष्म कणों की मात्रा सामान्य से लगभग 20 गुना ज्यादा दर्ज की गई है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. कई सारे केंद्रों ने तो PM 10 की मात्रा तो दे भी नहीं रहे हैं जो इनकी उपयोगिता पर भी सवाल खड़ा करता है.

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस अचानक खराब स्थिति का कारण बताया है. IGI एयरपोर्ट पर पलाम क्षेत्र में रात 10 बजे से 11:30 बजे के बीच धूल भरी तेज हवा चली, जिससे विजिबिलिटी 4500 मीटर से घटकर मात्र 1200 मीटर रह गई.

IMD के अनुसार, इस दौरान 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के झोंके महसूस किए गए. हालांकि, इसके बाद हवा की रफ्तार धीमी होकर 3-7 किमी/घंटा रह गई, जिससे धूल अब हवा में बनी हुई है और दृश्यता भी 1200-1500 मीटर के बीच बनी हुई है.

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'ट्रैफिक के लिए बढ़ा जोखिम'

धूल प्रदूषण के कारण विजिबिलिटी का कम होना न केवल सड़क ट्रैफिक के लिए जोखिम बढ़ाता है, बल्कि सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है. 

विशेषज्ञों ने लोगों से सलाह दी है कि वे बाहर निकलते समय मास्क पहनें और जहां तक संभव हो, धूल भरे वातावरण में रहने से बचें.

हालांकि, मौसम विभाग ने कुछ राहत की खबर भी दी है. आज सुबह पालम में पश्चिमी दिशा से 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की हवा चलने से दृश्यता में सुधार हुआ है और यह 1300 मीटर से बढ़कर 1500 मीटर हो गई है. आने वाले समय में प्रदूषण में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है.

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