दिल्ली की सभी नगर निगम का 22 मई 2022 को एकीकरण हो गया. इसके साथ ही पार्षदों का कार्यकाल भी खत्म हो गया. लेकिन करीब 2 महीने होने के बाद भी पार्षदों ने लैपटाप नहीं लौटाए हैं. नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि साउथ दिल्ली नगर निगम के पार्षदों ने तो लैपटॉप वापस कर दिए, लेकिन नॉर्थ और ईस्ट के करीब 37 लैपटाप पार्षदों ने नही लौटाए हैं. अब सूत्रों ने बताया कि 1 लैपटाप की कीमत 33,649 रुपए है.
वहीं, ईस्ट एमसीडी के कुल 13 पार्षदों में बीजेपी के 8 और आप के 5 पार्षदों ने लैपटाप नहीं लौटाया है. लैपटाप की कीमत 34,987 रुपए है. आपको बता दें कि लौटाने में देरी होने के चलते निगम ने पहले ही कहा था कि 3,000 रुपए का भुगतान करके लैपटॉप का स्वामित्व लेने का विकल्प है. इसके विपरीत पूर्ववर्ती उत्तर नगर पालिका ने 33,649 रुपये का भुगतान अनिवार्य किया था.
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पार्षदों से लैपटॉप लौटाने के लिए कहा है. दरअसल, 5 साल का टर्म पूरा करने के बाद भी निगम के संसाधन लौटाने में फिसड्डी पार्षदों को उनके कार्यकाल के वक्त ही 2007 में निगम की ओर से लैपटॉप दिए गए थे. 2012 में निगम के 3 भागों में बंटने के बाद भी यह जारी था.
आजतक के पास मौजूद लिस्ट के मुताबिक नेताओं से संपर्क किया गया. कईयों के फोन बंद मिले, कुछ ने कहा कि वो देश से बाहर हैं, जबकि कुछ ने फोन ही नहीं उठाया.
दिल्ली में एकीकृत नगर निगम के 250 वार्ड की परिसीमन कमेटी 8 जुलाई को बन गई है. अब 4 महीने के अंदर कमेटी रिपोर्ट होम मिनिस्ट्री को सौंपेगी तब जाकर निगम का चुनाव होगा. पिछले 15 सालों से निगम में बीजेपी की सरकार रही और आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी रही.