दिल्ली का VVIP इलाका आरकेपुरम... यहां 28 अगस्त को ऐसी वारदात हुई जिससे पूरी राजधानी हिल गई. एक जूनियर ने अपने ही सीनियर का सिर्फ मर्डर कर दिया. फिर उसकी लाश को फ्लैट में ही दफना दिया. किसी को उस पर शक न हो और यह राज यहीं दफन हो जाए, इसके लिए उसने वहां सीमेंट का चबूतरा भी बनवा दिया. लेकिन वो कहते हैं न कि कानून के हाथ लंबे होते हैं. कातिल आखिरकार पकड़ा गया. जब कत्ल की वजह उससे पूछी गई तो काफी चौंकाने वाले खुलासे हुए. परत दर परत इस मामले में रोज नई बातें सामने आ रही हैं. क्या है पूरी कहानी चलिए जानते हैं विस्तार से...
आरकेपुरम में सर्वे ऑफ इंडिया के सीनियर सर्वेयर महेश कुमार का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया. कातिल कोई और नहीं बल्कि उनका सहकर्मी और दोस्त अनीस ही निकला. अनीस ने पूरी प्लानिंग के साथ यह मर्डर किया था. कहानी पूरी फिल्मी है. दरअसल, महेश और अनीस सर्वे ऑफ इंडिया में एक साथ काम करते थे. दोनों की दोस्ती थी. इसी दौरान ऑफिस में ही अनीस की दोस्ती एक महिला सहकर्मी से हो गई थी. जो जल्द ही उसकी गर्लफ्रेंड बन गई थी.
इस पूरी कहानी का आगाज यहीं से हुआ. महेश और अनीस दोनों अच्छे दोस्त थे. आरोपी अनीस ने महेश से 9 लाख रुपए लिए थे. दरअसल, अनीस ने महेश को झांसा दिया था कि उसकी सरकारी डिपार्टमेंट में जान पहचान है. वो किसी को भी MTS (फोर्थ क्लास कर्मचारी) में जॉब दिलवा सकता है. महेश ने अनीस को कहा की वो तीन लोगों की जॉब लगवा दे जिसके बाद अनीस ने महेश से 9 लाख लिए थे.
लेकिन जब जॉब नहीं लगी तो महेश अनीस से पैसे मांगने लगा. साथ ही अनीस की गर्लफ्रेंड पर भी महेश की नजर थी. लिहाजा अनीस ने महेश की हत्या का प्लान बनाया. अनिस ने सोचा था की महेश की हत्या करने से 9 लाख भी नहीं देने पड़ेंगे और उसकी गर्लफ्रेंड भी उसके साथ हमेशा के लिए रहेगी.
सोनीपत में फोन छोड़, पहुंचा दिल्ली
अनीस ने महेश की हत्या करने के लिए 5 दिन की छुट्टी ली और 27 अगस्त को अपने गांव सोनीपत पहुंचा. 28 अगस्त को सुबह अनीस ने महेश को WhatsApp पर कॉल किया और कहा कि वो उसके पैसे लौटना चाहता है. इसलिए वो सीधा RK Puram में उसके फ्लैट पर मिले. महेश सीधा अनीस के घर पहुंचा. अनीस ने पहले ही अपना मोबाइल फोन सोनीपत छोड़ दिया था. वह बिना मोबाइल के दिल्ली स्थित अपने फ्लैट पर पहुंचा. यहां उसने मौका पाकर महेश की लोहे के रॉड से पीट-पीट कर हत्या कर दी.
इसके बाद अनीस ने लाश को अपने फ्लैट पर छोड़ा और फ्लैट का एसी ऑन करके और महेश के दोनों फोन लेकर अपने फ्लैट से निकल गया. प्लान के तहत हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी अनीस सीधा फरीदाबाद पहुंचा, जहां उसने फोन ऑन किया और फिर ऑफ कर दियाय. अनीस ने ये सोचा था कि अगर पुलिस कभी महेश को तलाश करती है तो उसकी लोकेशन फरीदाबाद की मिलेगी और पुलिस यहीं आस-पास उसको तलाश करती रहेगी.
इसके बाद फरीदाबाद से सीधा आरोपी सोनीपत पहुंच गया. इधर महेश जब घर पहुंचा उसकी तलाश शुरू हुई तो घर वालों ने अनीस को कॉल किया. मामला बढ़ता देख अनीस ने घर वालों को कहा की उसे पता नहीं महेश कहां है.
अनीस से बरामद एक चाभी से खुला कत्ल का राज
महेश की जब तलाश शुरू हुई तो अनीस डर गया. वो सोनीपत से 29 अगस्त को सीधा अपने फ्लैट पहुंचा. लाश को अपनी कार की डिग्गी में डाला और फिर सीधा CPWD ऑफिस पहुंचा और अपने सहकर्मी से उसके फ्लैट की चाभी मांगी. दरअसल, सहकर्मी का फ्लैट खाली रहता था. अनीस दोस्त के फ्लैट की चाभी लेने के बाद सीधा RK Puram सेक्टर-6 पहुंचा. वहां उसने डुप्लिकेट चाभी बनवाई और फिर दोबारा वो CPWD के ऑफिस पहुंचा. वहां उसने असली चाभी अपने सहकर्मी को दे दी.
इसके बाद अनीस लाश को लेकर दोबारा सहकर्मी के फ्लैट में पहुंचा. वहां, फ्लैट के पीछे तकरीबन डेढ़ फीट गड्ढे में लाश को मिट्टी में गाड़ दिया. इसके बाद अनीस ने पड़ोस के प्लबंर राहुल से संपर्क किया. वहां उसने सीमेंट का चबूतरा बनवा दिया. इधर पुलिस को जब पता चला कि अनीस ने महेश से 9 लाख लिए हैं तो अनीस से पूछताछ शुरू हुई. अनीस ने पुलिस को बताया की महेश पर बहुत कर्ज था इसलिए वो कहीं गायब हो गया.
कार की चाभी से हुआ अनीस पर शक
पुलिस को शक हुआ तो अनीस की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान अनीस की जेब से महेश की कार की चाभी मिली. पुलिस का माथा ठनका की महेश की मोबाइल की लास्ट लोकेशन तो फरीदाबाद की मिली लेकिन कार सरोजनी नगर में खड़ी है और चाभी अनीस के पास कैसे. इसके बाद अनीस से कड़ाई से पूछताछ की गई तो कत्ल का राज खुला. अनीस ने आखिरकार गुनाह कबूला और फिर डेढ़ फीट गड्ढे से महेश की लाश बरामद की गई.
10 हजार में बनवाया था अनीस ने चबूतरा
'आजतक' ने सीमेंट का चबूतरा बनाने वाले राहुल से बातचीत की. उसने बताया कि वो इस बात से बिल्कुल अंजान था कि जहां वो सीमेंट का चबूतरा बना रहा है, वहां एक लाश दफ्न है. राहुल ने बताया कि जिसने फ्लैट के पीछे काम कराया था, उसने पूरा दिन खुद खड़े होकर सीमेंट का चबूतरा बनवाया था. राहुल के मुताबिक, अनीस दोपहर डेढ़ बजे उसके पास आया था. वो उसे फ्लैट के पीछे लेकर गया और कहा कि वहां लंबा सीमेंट का चबूतरा बनना है. राहुल ने उससे 12 हजार मांगे तो उसने 10 हजार दिए. 2000 नहीं दिए.
'पानी भर जाता है, इसलिए बनवा रहा हूं चबूतरा'
राहुल के मुताबिक, उसने जब अनीस से पूछा कि यहां सीमेंट का चबूतरा क्यों बनवा रहे हैं, तो अनीस ने बताया कि उसकी पत्नी वहां आने वाली है और वहां पानी काफी जमा होता है, इसलिए करवा रहा है.
3 दिन राहुल के घर में नहीं बना खाना
राहुल ने बताया कि उसे (अनीस) देखकर लगा नहीं था कि उसने लाश वहां गाड़ी है. बाद में पुलिस ने जब राहुल को बुलाया तो उसे इस बारे में पता चला. इसके बाद जब यह बात राहुल के परिवार को पता चली तो वो सहम गए. वो इतने डर गए थे कि राहुल के घर में 3 दिन खाना नहीं बना. उसके घर में सब डरे हुए थे. उनका मन खाने- पीने को नहीं कर रहा था.