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जमानत पर रिहा हुए दिल्ली दंगों के तीन आरोपियों को SC ने दिया नोटिस

दिल्ली दंगे के आरोपियों की जमानत रद्द कराने के लिए दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. दिल्ली पुलिस की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया है. 

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली पुलिस ने SC में दायर की थी याचिका 
  • सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों से मांगा जवाब

दिल्ली दंगा मामले में तीन आरोपी जुनैद, इरशाद और चांद मोहम्मद को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस एक्टिव हो गई. दिल्ली पुलिस ने इन तीनों की जमानत रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीनों ही आरोपियों को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने तीन आरोपियों जुनैद, इरशाद और चांद मोहम्मद को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि दिल्ली दंगों के तीनों आरोपियों जुनैद, इरशाद और चांद मोहम्मद को उच्च न्यायालय ने साक्ष्य न होने के बाद जमानत दे दी थी. 

जल उठी थी दिल्ली 
दिल्ली में 23 फरवरी 2020 को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगा भड़क उठा था. जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी. इस दंगे को लेकर दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग 755 एफआईआर दर्ज की थीं. जिनमें से 400 मामलों को पुलिस ने सुलझा लिया है. 349 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है. 102 सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की गई हैं. 303 मामलों की चार्जशीट पर अदालत ने संज्ञान लिया है.

सबसे ज्यादा दर्ज हुईं एफआईआर
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली जिले के जाफराबाद, सीलमपुर, भजनपुरा, ज्योति नगर, करावल नगर, खजूरी खास, गोकुलपुरी, दयालपुर और न्यू उस्मानपुर समेत 11 पुलिस स्टेशन के इलाकों में 23 फरवरी के बाद दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था. दंगों में दिल्ली पुलिस ने 11 पुलिस थाना इलाकों में कुल 755 एफआईआर दर्ज की थीं. दिल्ली में ये सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज करने का पहला मामला था. 

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सीसीटीवी से हुई थी दंगाइयों की पहचान
दिल्ली पुलिस के मुताबिक दंगों की जांच के लिए 945 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज समेत हजारों की तादाद में दंगे के वीडियो वैज्ञानिक तरीकों से जांचे गए. इसके बाद आधुनिक तकनीक की मदद से आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया. दिल्ली पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के जरिये सीसीटीवी कैमरों में कैद दंगाइयों की पहचान की थी.


 

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