दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में वार पलटवार तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी ने एमसीडी के पूर्णिमा सेठी अस्पताल के निर्माण में बीजेपी पर घोटाले का आरोप लगाया है. AAP विधायक आतिशी सिंह ने बयान जारी कर कहा कि जो पूर्णिमा सेठी अस्पताल 2005 में 6 करोड़ 70 लाख में बनकर तैयार होना था, वो अब तक 35 करोड़ खर्च करने के बावजूद नहीं बन पाया है. बीजेपी ने मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाने का वादा किया था जिसमें वह पूरी तरह फेल हो गई है.
विधायक आतिशी का आरोप है कि पिछले 15 साल से दिल्ली की एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. भाजपा ने 15 सालों में सिर्फ दो चीजें की हैं, पहला भ्रष्टाचार और दूसरा कुशासन. इस भ्रष्टाचार और कुशासन का खामियाजा दिल्ली के लोग भुगत रहे हैं. इसी भ्रष्टाचार और कुशासन का एक बहुत बड़ा प्रतीक है- कालकाजी में बना हुआ या कहें कि कालकाजी में आधा बना हुआ पूर्णिमा सेठी अस्पताल.
10 साल काम चलता रहा, बजट बढ़ता रहा
उन्होंने कहा कि 2005 में एमसीडी ने पूर्णिमा सेठी अस्पताल बनाने की शुरुआत की थी. ये 100 बेड का मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल बनना था, जिसका कुल खर्चा 6 करोड़ 70 लाख आना था, लेकिन आज 2022 में भी काम पूरा नहीं हुआ. 2005 में जो अस्पताल 6 करोड़ 70 लाख में बनना था, आज 10 साल तक इसका काम चलता रहा, दाम बढ़ते रहे और फिर 2015 में एमसीडी इस अस्पताल में 35 करोड़ का खर्चा कर चुकी है.
दिल्ली के लोगों को नहीं मिल पाईं सुविधाएं
आतिशी ने कहा कि मैं भाजपा शासित एमसीडी से यह पूछना चाहती हूं कि यह 35 करोड़ रुपए कहां गए? 35 करोड़ से ज्यादा पैसे खर्च हो चुके हैं लेकिन फिर भी अस्पताल पूरा नहीं हुआ है. 35 करोड़ खर्च करने के बाद सिर्फ ग्राउंड और पहला फ्लोर ही इस्तेमाल किया जा रहा है. आज भी जो सुविधाएं अस्पताल में होनी थी, वह दिल्ली के लोगों को उपलब्ध नहीं हो पाई हैं.
AAP मनगढ़ंत आरोप लगा रही: बीजेपी
वहीं, दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने AAP के आरोपों का जवाब दिया और कहा- आम आदमी पार्टी नेताओं को नगर निगम पर मनगढ़ंत आरोप लगाने की आदत है और पूर्णिमा सेठी अस्पताल को लेकर दिया बयान मनगढ़ंत बयानों की श्रृंखला का हिस्सा है. आतिशी ने बिना तथ्यों को जांचे बयान दिया है. अस्पताल विकास का बजट 6.50 करोड़ रुपए नही था बल्कि सिर्फ भवन बनाने के सिविल कार्य का बजट था और जो अतिरिक्त बजट लगा, वह अस्पताल के विद्युतीकरण और मेडिकल उपकरण बनाने में खर्च हुआ है.
दिल्ली सरकार स्टाफ नियुक्ति की फाइल लटकाए रही
प्रवीण शंकर कपूर का कहना है कि इस अस्पताल के निर्माण में विलंब का मुख्य कारण रहा- दिल्ली सरकार द्वारा डॉक्टर्स और स्टाफ की नियुक्ति की फाइल स्वीकृति लटकाये रखना. दिल्ली नगर निगम उनकी सरकार के द्वारा दी गई आर्थिक विषमताओं के बावजूद 130 महिला स्वास्थ्य केंद्र एवं प्रसूती गृह, 123 जनरल डिस्पेंसरी, 11 टीबी सेंटर और 9 अस्पतालों का संचालन सफलता से कर रहा है.