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'हिंदी सीखो वरना...', विवादों में BJP पार्षद, दिल्ली में विदेशी नागरिक को धमकाने का आरोप

दिल्ली के एक सार्वजनिक पार्क में अफ्रीकी मूल के एक विदेशी नागरिक के साथ कथित बदसलूकी का वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी की निगम पार्षद रेनू चौधरी विवादों में आ गई हैं. वीडियो में पार्षद विदेशी नागरिक से हिंदी सीखने की बात कहती दिख रही हैं, जिसे कई लोगों ने नस्लीय भेदभाव और असहिष्णुता बताया.

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पार्षद ने संवाद की दिक्कत और स्थानीय नशे की समस्या को कारण बताया है. (Photo: Social Media)
पार्षद ने संवाद की दिक्कत और स्थानीय नशे की समस्या को कारण बताया है. (Photo: Social Media)

राजधानी दिल्ली के एक सार्वजनिक पार्क में अफ्रीकी मूल के एक विदेशी नागरिक के साथ कथित बदसलूकी का मामला सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की निगम पार्षद रेनू चौधरी विवादों में घिर गई हैं. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पार्षद विदेशी नागरिक से हिंदी सीखने की बात कहती नजर आ रही हैं.

बताया जा रहा है कि यह घटना उस समय हुई जब अफ्रीकी नागरिक पार्क में शांतिपूर्वक समय बिता रहा था. वीडियो में पार्षद का लहजा आक्रामक और चेतावनी भरा बताया जा रहा है. वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. कई यूजर्स ने इस व्यवहार को नस्लीय भेदभाव और विदेशी नागरिकों के प्रति असहिष्णुता करार दिया है.

सोशल मीडिया यूजर्स ने उठाए सवाल 

मामले को लेकर सोशल मीडिया पर यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि भारत के लाखों नागरिक अफ्रीकी देशों सहित दुनिया के कई हिस्सों में रहते और काम करते हैं, जहां वे स्थानीय भाषाओं में पूरी तरह दक्ष नहीं होते, इसके बावजूद उन्हें सम्मानपूर्वक रहने और काम करने की अनुमति मिलती है. ऐसे में भारत की राजधानी में किसी विदेशी नागरिक को भाषा के आधार पर धमकाना न केवल संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि इससे देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचता है.

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पार्षद रेनू चौधरी ने क्या कहा?

हालांकि, इस पूरे मामले पर निगम पार्षद रेनू चौधरी ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि संबंधित अफ्रीकी नागरिक पिछले करीब 15 वर्षों से इलाके में रह रहे हैं और प्राइवेट तौर पर फुटबॉल कोचिंग देते हैं. पार्षद के अनुसार, जिस दिन यह वीडियो बनाया गया, उस दिन ग्राउंड में लगभग 20 अफ्रीकी नागरिक मौजूद थे.

'कम्युनिकेशन में आ रही दिक्कत' 

रेनू चौधरी का कहना है कि एमसीडी में काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी अंग्रेजी नहीं जानते, जबकि अफ्रीकी कोच इतने वर्षों से रहने के बावजूद भी बुनियादी हिंदी नहीं समझते, जिससे संवाद में गंभीर समस्या पैदा हो रही है. उन्होंने दावा किया कि इसी वजह से गलतफहमियां बढ़ रही हैं.

'संवाद को आसान बनाने के लिए दी सलाह'

पार्षद ने यह भी कहा कि उनके इलाके में लंबे समय से नशे का कारोबार बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय निवासी परेशान हैं. उन्हें इस संबंध में शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद वह पार्क में पहुंचीं. उनका कहना है कि उन्होंने किसी को धमकाने के इरादे से नहीं, बल्कि संवाद को आसान बनाने के लिए हिंदी सीखने की सलाह दी थी.

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