दिल्ली हाई कोर्ट ने हरदीप सिंह की याचिका पर नोटिस जारी किया है. हरदीप सिंह, 25 वर्षीय नवरीत सिंह के दादा जी हैं. उनका आरोप है कि 26 जनवरी 2021 को नई दिल्ली में आईटीओ के पास ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस की गोली लगने से उनके पोते की जान चली गई. हाई कोर्ट अब इस मामले में 26 फरवरी को सुनवाई करेगी. याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने पक्ष रखते हुए कहा कि चश्मदीद गवाहों के बयान और मेडिकल राय में इस बात का खुलासा हुआ है कि नवरीत सिंह की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अब तक इस मामले में किसी प्रकार की पूछताछ या जांच करने में असफल रही है. इसके बावजूद उन्होंने जल्दबाजी में यह घोषणा कर दी है कि यह मौत एक्सिडेंट की वजह से हुई है.
इसके बाद कोर्ट ने विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट जमा करने की मांग की है. इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज, दूसरे कागजात और इलेक्ट्रोनिक सबूतों को संरक्षित करने और स्टेटस रिपोर्ट की एडवांस कॉपी, याचिकाकर्ता को देने को कहा गया है.
दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश होते हुए वकील राहुल मेहरा ने अदालत में कहा कि वे नवरीत से जुड़े सभी दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज, उनके परिवार के साथ साझा करेंगे. अब इस मामले में अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक गणतंत्र दिवस पर कृषि कानून के विरोध में निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान आइटीओ (ITO) पर ट्रैक्टर पलटने से नवरीत सिंह की मौत हो गयी थी. हालांकि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के रहने वाले नवरीत के 65 वर्षीय दादा हरदीप सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में यह कहते हुए याचिका दाखिल की है कि उनके पोते की मौत पुलिस को गोली लगने से हुई है.
क्या है मामला?
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी. इस दौरान कई जगह हिंसा भी हुई. दिल्ली का दिल कहे जाने वाले ITO चौक कई घंटे पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प होती रही. पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया गया तो किसानों ने ट्रैक्टर को अपना हथियार बनाया.
पुलिस के मुताबिक इस संघर्ष के दौरान ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई. हादसे में जान गंवाने वाला शख्स का नाम नवरीत सिंह था. जिलाधिकारी आंजनेय कुमार के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेड इंजरी से नवरीत की मौत की बात सामने आई है. उन्होंने कहा है कि सिर में कोई बुलेट नहीं मिली है और न ही सिर में कोई गोली लगकर निकली है.
कौन था नवरीत सिंह?
नवरीत यूपी के रामपुर जिले में आने वाले डिब्बा गांव का निवासी था. नवरीत सिंह का दो साल पहले ही विवाह हुआ था और उसकी पत्नी ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा ग्रहण कर रही थी. नवरीत अपनी पत्नी के साथ ऑस्ट्रेलिया में ही रह रहा था. लेकिन वक्त को कुछ और ही मंजूर था. नवनीत IELTS की परीक्षा पास नहीं कर पाया और उसे गांव में रुकना पड़ा.
कुछ दिन पहले ही वो किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुआ था और जब दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का आह्वान हुआ तो नवरीत वहां निकल गया. हालांकि, परिवार को इस बात की जानकारी तक नहीं थी. नवरीत परिवार से ये बोलकर गया था कि वो अपने रिश्तेदार के यहां बाजपुर में जा रहा है. बाजपुर उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में पड़ता है.