दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की घटनाओं से संबंधित मामलों की नवीनतम स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया है. हिंसा की ये घटनाएं संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी हुई हैं.
हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस उसे निचली अदालत में चल रहे मामलों की स्थिति के बारे में सूचित करेगी. इसमें कोर्ट में दाखिल किए गए आरोपपत्रों की संख्या, आरोप तय किए गए, मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई और गवाहों की संख्या के संबंध में जानकारी शामिल है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को समय देने के साथ ही मामले को आगे की सुनवाई के लिए 23 दिसंबर के लिए तय कर दिया है. बता दें कि हिंसा के बाद यूनिवर्सिटी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में पुलिस बर्बरता का जिक्र किया था.
रिपोर्ट में कहा गया था कि पुलिस जबरन कैंपस में घुस आई और छात्रों और गार्ड की पिटाई की. साथ ही यह भी दावा किया गया था कि पुलिस ने कई छात्रों के सीने पर बंदूक भी तान दी थी. पुलिस ने लाइब्रेरी में घुसकर आंसू गैस के गोले दागे थे.