जामिया कैम्पस में बल के इस्तेमाल को लेकर दिल्ली पुलिस आलोचनाओं के घेरे में है. इंडिया टुडे टीवी की ओर से की गई विजुअल्स की जांच से सामने आया है कि कुछ लोग जो पत्थर हाथ में लेकर पहले रेलिंग्स पर कूदते देखे गए. वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया के रीडिंग रूम (लाइब्रेरी) में भी घुसे. ये विजुअल्स पुलिस के रीडिंग रूम में घुसने और लाठीचार्ज करने से पहले के हैं.
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'CCTV में कई चेहरे, लाइब्रेरी में मौजूद'
इस बीच, आजतक-इंडिया टुडे के वीडियो इंवेस्टिगेशन पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के सीनियर अफसर का कहना है कि बिल्कुल हम इस एंगल पर जांच कर रहे हैं. हम पहले से कह भी रहे हैं और हमारे पास सबूत है कि जो लोग पत्थरबाजी कर रहे थे वो लाइब्रेरी और कैम्पस में छुप रहे थे. इसलिए दिल्ली पुलिस अंदर गई थी. सीसीटीवी से कई ऐसे चेहरे हैं जो लाइब्रेरी में मौजूद हैं. हमने उनमें से कुछ की पहचान की है, टेक्निकल वेरिफिकेशन के बाद हम उन्हें गिरफ्तार करेंगे.
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जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी की ओर से रिलीज की गई वीडियो फुटेज, दिल्ली पुलिस सूत्रों और यूट्यूब चैनल मखतूब मीडिया का तुलनात्मक अध्ययन दिखाता है कि लाइब्रेरी के बाहर पत्थर फेंकने वाले कई लोग पुलिस के रीडिंग रूम में दाखिल होने से और बल प्रयोग करने से पहले ही वहां छुपने के लिए घुस चुके थे. अभी तक ये स्थापित नहीं हो सका है कि फुटेज में दिखाई देने वाले ये लोग जामिया के छात्र हैं या बाहरी लोग.