scorecardresearch
 

CAQM क्या है जो दिल्ली में फ्यूल बैन के फैसले के पीछे है, क्या काम करता है, कितना है पावर इसका

दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को चिट्ठी लिखकर कहा है, "वाहनों को सीज करने के लिए बनाया गया सिस्टम सही नहीं है. तकनीकी विसंगतियों और पड़ोसी राज्यों के साथ एकीकरण की कमी की वजह से जनता में असंतोष और आक्रोश है."

Advertisement
X
दिल्ली में नहीं जब्त होंगी पुरानी गाड़ियां!
दिल्ली में नहीं जब्त होंगी पुरानी गाड़ियां!

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में 10 से 15 साल पुराने व्हीकल्म को जब्त करने के कैंपेन पर रेखा गुप्ता सरकार ने फिलहाल रोक लगा दी है. दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वाहनों को सीज करने के लिए बनाया गया सिस्टम सही नहीं है.  3 जुलाई को लिखे पत्र में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार पुराने, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने की CAQM की योजना का अनुपालन करती है, लेकिन इन वाहनों को ईंधन न देने की मौजूदा नीति परिचालन चुनौतियों के कारण व्यावहारिक नहीं है. तकनीकी विसंगतियों और पड़ोसी राज्यों के साथ एकीकरण की कमी की वजह से जनता में असंतोष और आक्रोश है."

सरकार के रुख से साफ हो गया है कि अब दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को बैन करने का अभियान रुक जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि CAQM क्या है और ये आयोग किस तरह से काम करता है.

CAQM क्या है?

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को अगस्त 2021 में सरकार द्वारा दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन करने के लिए बनाया गया था. आयोग को बनाने के पीछे का मकसद एनसीआर और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता से संबंधित समस्याओं का बेहतर समन्वय, अनुसंधान, पहचान और समाधान करना है. आसपास के क्षेत्रों से मतलब एनसीआर के पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के क्षेत्रों से है.

CAQM से पहले दिल्ली-एनसीआर के आसपास की वायु गुणवत्ता की निगरानी और प्रबंधन कई निकायों द्वारा किया जाता रहा है. इन निकायों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एनसीआर का पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) और संबंधित विभिन्न राज्य सरकारें शामिल थीं. इन निकायों की निगरानी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी की जाती है. CAQM सबसे बड़ी बॉडी है और सभी निकायों को एकीकृत करती है. यह निकाय दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता की सुरक्षा और सुधार के लिए फैसला लेता है और आदेश जारी करता है.

Advertisement

CAQM ने पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) की जगह ली है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किया था और जो 22 वर्षों से एक्टिव था. CAQM के बनने के बाद EPCA अप्रभावी हो गया.

यह भी पढ़ें: पुराने वाहनों को दिल्ली में मिलेगा 'जीवनदान'? तीन दिन में बैकफुट पर सरकार, आदेश पर ब्रेक के पीछे गिनाए ये कारण

CAQM की शक्तियां और कार्य...

आयोग को अपने आदेश को लागू करने के लिए शक्तियां दी गई हैं. यह एक शक्तिशाली निकाय है. आयोग के पास 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता की रक्षा और सुधार के मकसद से' उपाय करने, निर्देश जारी करने और शिकायतों पर विचार करने की पॉवर है.

CAQM के आदेशों या निर्देशों का पालन न करने या उल्लंघन करने पर पांच साल तक की जेल और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इससे जुड़े मामलों की सुनवाई का अधिकार अन्य अदालतों के बजाय सिर्फ राष्ट्रीय हरित अधिकरण के पास है.

यह वायु प्रदूषण पर राज्यों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का कोऑर्डिनेट भी करता है और वायु गुणवत्ता और पर्यावरण प्रदूषकों के उत्सर्जन के लिए मापदंड निर्धारित कर सकता है.

CAQM के पास किसी भी सेक्टर में उद्योगों को प्रतिबंधित करने, कारखानों सहित किसी भी परिसर का निरीक्षण करने का अधिकार भी है. नियमों का पालन नहीं होने के मामले में यह किसी उद्योग को बंद भी कर सकता है या उसकी पानी और बिजली की आपूर्ति भी काट सकता है.

Advertisement

CAQM पराली जलाने से रोकने के लिए राज्यों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की निगरानी भी करता है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement