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Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में GRAP का दूसरा चरण, कई पाबंदियां होंगी लागू 

दिल्ली के कई इलाकों की हवा में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में है तो कुछ जगहों पर गंभीर स्थिति बन गई है. बुधवार को दिल्ली की एयर क्वालिटी खराब श्रेणी (AQI 228) में थी. बताया गया है कि अगले तीन दिन तक हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में ही रहेगी. आकलन के मुताबिक, 22 अक्टूबर तक दिल्ली का एक्यूआई 300 के पार पहुंच सकता है.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में दिवाली से पहले एक बार फिर प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचता हुआ नजर आ रहा है. इसको लेकर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने बुधवार को इमरजेंसी मीटिंग की. इस मीटिंग में CAQM ने दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया है. 

दिल्ली के कई इलाकों की हवा में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में है तो कुछ जगहों पर गंभीर स्थिति बन गई है. बुधवार को दिल्ली की एयर क्वालिटी खराब श्रेणी (AQI 228) में थी. बताया गया है कि अगले तीन दिन तक हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में ही रहेगी. आकलन के मुताबिक, 22 अक्टूबर तक दिल्ली का एक्यूआई 300 के पार पहुंच सकता है. इसके साथ ही उत्तरी दिल्ली के बवाना, मुंडका, नरेला और वजीराबाद में एयर क्वालिटी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. 

कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने उम्मीद जताई है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान  (GRAP) लागू होने के बाद एयर क्वालिटी में सुधार नजर आने लगेगा. दिल्ली-एनसीआर में GRAP के दूसरे चरण में कई स्तर की पाबंदियां लागू की जाएंगी.  

दिल्ली-एनसीआर में जब GRAP का पहला चरण लागू किया गया था तो CQAM ने ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के मानकों आधार पर 491 स्थलों पर निर्माण और विध्वंस कार्य बंद करने का निर्देश जारी किया है, जिनमें 110 स्थल अकेले दिल्ली में हैं. जबकि हरियाणा में 118, उत्तर प्रदेश में 211 और राजस्थान में 52 स्थल शामिल थे. 

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CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है. 
स्टेज 1-AQI का स्तर 201 से 300 के बीच
स्टेज 2-AQI का स्तर 301 से 400 के बीच
स्टेज 3-AQI का स्तर 401 से 450 के बीच
स्टेज 4-AQI का स्तर 450 के ऊपर
GRAP के दूसरे चरण में ये पाबंदियां होंगी लागू- 
1- हर दिन सड़कों की सफाई होगी. जबकि, हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा. 
2- होटल या रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा. 
3- अस्पतालों, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी जगहों को छोड़कर कहीं और डिजल जनरेटर का इस्तेमाल नहीं होगा. 
4- लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए पार्किंग फीस बढ़ा दी जाएगी. 
5- इलेक्ट्रिक या CNG बसें और मेट्रो सर्विस के फेरे बढ़ाए जाएंगे.
 

 

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